नई दिल्ली: देश लॉकडाउन से बाहर आ गया है। 1 जुलाई से अनलॉक 2 की भी शुरुआत हो चुकी है। यानी आमजन को लॉकडाउन और अनलॉक 1 की तुलना में और अधिक रियायतें मिल गई हैं। लेकिन चिंता की बात ये है कि कोरोना का कहर और बढ़ रहा है। कोरोना के मामले 6 लाख के करीब होने वाले हैं। अगर गौर करें तो जबसे लॉकडाउन हटा है, तब से कोरोना के मामलों में बहुत तेजी से वृद्धि हुई है। ऐसे में सवाल है कि क्या अनलॉक होते ही लोगों ने लापरवाही बरतनी शुरू कर दी, जिससे वो कोरोना की चपेट में आने लगे? हालांकि ये एक कारण है कि अब कोरोना की टेस्टिंग पहले की तुलना में ज्यादा हो रही है, जिससे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।
'लापरवाही बढ़ती जा रही है'
इसके बावजूद अनलॉक में लोगों द्वारा लापरवाही की बात इसलिए भी उठ रही है क्योंकि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसका जिक्र किया है। 30 जून को देश को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ते-लड़ते अब हम अनलॉक-2 में प्रवेश कर रहे हैं। हम उस मौसम में भी प्रवेश कर रहे हैं, जब सर्दी, जुखाम, बुखार जैसी बीमारी होती है। मेरी सभी देशवासियों से प्रार्थना है कि अपना ध्यान रखिए। अगर कोरोना से होने वाली मृत्यु दर को देखें तो दुनिया के अनेक देशों की तुलना में भारत संभली हुई स्थिति में है। समय पर किए गए लॉकडाउन और अन्य फैसलों ने भारत में लाखों लोगों का जीवन बचाया है। लेकिन जब से देश में अनलॉक 1 हुआ है तब से लापरवाही कुछ बढ़ती जा रही है।'
सतर्कता बनाए रखनी होगी
दरअसल, ये देखने में आया कि लॉकडाउन हटते ही कई लोगों ने समझा कि अब कोरोना भी गया, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं था। ये सरकारों, डॉक्टरों और विशेषज्ञों के द्वारा लगातार कहा जा रहा था कि कोरोना लंबे समय तक हमारे बीच रहने वाला है। लॉकडाउन की तुलना में अनलॉक में लोगों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। पीएम मोदी ने आगे कहा, 'पहले हम मास्क को लेकर, दो गज की दूरी को लेकर, 20 सेकेंड तक दिन में कई बार हाथ धोने को लेकर बहुत सतर्क थे। अब सरकारों को, स्थानीय निकाय की संस्थाओं को, देश के नागरिकों को, फिर से उसी तरह की सतर्कता दिखाने की जरूरत है। जो नियमों का पालन नहीं कर रहे, उन्हें समझाना होगा।'
3 जरूरी बातों के लिए भी जागरूकता हुई कम
अब ऐसे में सवाल है कि क्या पीएम मोदी इस तरफ इशारा कर रहे हैं कि पहले की तरह अब लोगों में मास्क, दो गज की दूरी और 20 सेकेंड तक दिन में कई बार हाथ धोने को लेकर उतनी सतर्कता नहीं है? ये देखने में आया है कि शुरुआत में इन तीनों चीजों को लेकर लोगों में ज्यादा जागरुकता थी और हर तरफ इन तीनों बातों का जिक्र भी ज्यादा होता था। लेकिन जैसे-जैसे कोरोना और कोरोना से जुड़ी चीजें सामान्य होती जा रही हैं, वैसे-वैसे इन बातों को लेकर भी जागरूकता कम हो रही है। हालांकि अब मास्क को लगभग हर जगह अनिवार्य कर दिया गया है तो लोग मास्क लगाए हुए दिखते हैं, लेकिन इस तरह की खबरें लगातार आती हैं कि कई जगह मास्क न पहनने पर लोगों को जुर्माना भरना पड़ा। हर जगह बाजारों में 2 गज की दूरी का पालन भी नहीं होता दिखता है। यहां भी ज्यादा जिम्मेदारी दुकानदारों की या प्रशासन की आ जाती है। अगर उन्होंने इस तरह की व्यवस्था की है तो लोग पालन करेंगे, अन्यथा लोग इसका ध्यान नहीं रखते। बार-बार हाथ धोना या सैनिटाइजर से साफ करना अभी भी पहले की तरह बेहद जरूरी है।
कोरोना लड़ाई को अपनी लड़ाई मानें
ऐसे में ये समझना होगा कि कोरोना से लड़ने के लिए अभी भी उसी जज्बे की जरूरत है, जो शुरुआत में था। जब तक इसकी कोई दवा या वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक हमें इन 3 बातों का ही सख्ती से पालन करना होगा। अनलॉक में भी बाहर निकलने को तब तक एवॉइड करना होगा, जब तक कि बेहद जरूरी न हो। अगर संभव है तो घर पर ही रहें। बाहर भी निकलें तो ये सुनिश्चित करें कि सभी जरूरी बातों का पालन करें, जिससे संक्रमण से बचा जा सके। सरकार से पहले इस लड़ाई को लोगों को अपनी लड़ाई मानना होगा तभी कोरोना को हराया जा सकता है।
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