Gujarat Riots Case: गुजरात दंगा केस में कांग्रेस की अंतरिम चीफ सोनिया गांधी और मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड की भूमिका को लेकर सवाल उठाते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बड़े दावे किए। पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने शनिवार (16 जुलाई, 2022) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा- तीस्ता सीतलवाड का सियासी एजेंडा था। वह उन लोगों में से थीं, जो तत्कालीन गुजरात सरकार को गिराना चाहती थीं। वह कांग्रेस की अंतरिम चीफ की किचन कैबिनेट (एएनसी) की सदस्य थीं और वह राज्यसभा सीट चाहती थीं।
उन्होंने कहा- गुजरात दंगा 2002 केस में जिस तरह नरेंद्र मोदी को अपमानित करने की चेष्टा कांग्रेस ने साजिश के तहत की थी। परत दर परत उसकी सच्चाई सामने आ रही है। सुप्रीम कोर्ट बोला था कि कुछ लोग साजिश के तहत इस विषय को जिंदा रखने की कोशिश कर रहे थे और गलत तथ्य पेश कर रहे थे। अब इन लोगों पर भी कानून का शिकंजा कसे।
बकौल पात्रा, "इस संदर्भ में गठित एसआईटी ने एफिडेविट कोर्ट के सामने रखा है। यह एफिडेविट कहता है कि सीतलवाड और उसके सहयोगी मानवता के तहत काम नहीं कर रहे थे। ये राजनीतिक मंसूबे के साथ काम कर रहे थे। इनके दो ऑब्जेक्टिव थे। पहला- ये चाहते थे कि गुजरात की तब की सरकार को अस्थिर किया जाए और दूसरा- बेगुनाह लोगों को इसमें शामिल किया जाए, जिनमें तत्कालीन गुजरात सीएम नरेंद्र मोदी का भी नाम है।"
वह आगे बोले- आज एफिडेविट में सामने आया है कि षड्यंत्र की रचयिता सोनिया के पूर्व मुख्य राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल थे। पटेल तो सिर्फ नाम हैं, इस सबके पीछे मुख्य रूप से सोनिया गांधी का नाम है। गांधी ने गुजरात की छवि और तत्कालीन गुजरात सीएम मोदी को अपमानित करने का षड्यंत्र रचा था। मीडिया में आए एफिडेविट के अनुसार, इस काम के लिए पैसे दिए गए। पहली क़िस्त में 30 लाख रुपए सोनिया ने सीतलवाड को दिए थे।
अहमद पटेल हमारे बीच नहीं है, लेकिन उन्होंने तो केवल वो डिलीवरी की थी। ये 30 लाख उस जमाने में मात्र पहली किस्त के रूप में दिए गए थे। इसके बाद न जाने कितने करोड़ों रुपए सोनिया ने नरेंद्र मोदी को अपमानित और बदनाम करने के लिए और केवल राहुल गांधी को प्रोमोट करने के लिए सीतलवाड का इस्तेमाल करते हुए दिए होंगे।
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