नई दिल्ली : लद्दाख में बने गतिरोध एवं तनाव का हल निकालने के लिए भारत और चीनी सेना के कोर कमांडरों के बीच बातचीत मंगलवार को चुशूल में शुरू हो गई। दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच यह तीसरे दौर की बातचीत है। पहले दो दौर की बातचीत चीन के हिस्से वाले एलएसी के समीप मोल्डो में हुई। पहले दौर की बातचीत छह जून और दूसरे दौर की बातचीत 22 जून को हुई। सेना के सूत्रों का कहना है कि इन इस बातचीत में दोनों पक्ष सीमा पर टकराव न बढ़ाने पर सहमत हुए। 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।
15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के शीर्ष कमांडरों के बीच 22 जून को बैठक हुई। यह बैठक करीब 11 घंटे तक चली। इससे पहले 6 जून की बैठक में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पर सहमति बनी थी लेकिन इसके बाद 15 जून को भारत और चीन के बीच खूनी संघर्ष हो गया, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए।
इसके बाद 24 जून को भारत-चीन के बीच कूटनीतिक वार्ता शुरू हुई। विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) नवीन श्रीवास्तव और चीनी विदेश मंत्रालय में सीमा एवं सागरीय मामलों के विभाग के महानिदेशक होंग लियांग के बीच यह वार्ता हुई। इस बातचीत पर विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में स्थिति सहित सीमावर्ती क्षेत्रों के घटनाक्रमों पर विस्तार से चर्चा की। भारतीय पक्ष ने पूर्वी लद्दाख में हुए हालिया घटनाक्रम पर अपनी चिंता से चीन पक्ष को अवगत कराया। भारतीय पक्ष ने 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प का मुद्दा उठाया। इसपर जोर दिया गया कि दोनों पक्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा का पूरा सम्मान करें। मौजूदा हालात के शांतिपूर्ण समाधान के लिए दोनों पक्षों के बीच राजनयिक और सैन्य स्तर पर संवाद बनाए रखने की सहमति बनी।
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