सुवानसिरी (अरुणाचल प्रदेश): अरुणाचल प्रदेश से लापता हुए पांच युवकों को आज चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भारतीय सेना के अधिकारियों को सौंप दिया है। रक्षा पीआरओ, तेजपुर ने इस बाबत एक बयान जारी करते हुए कहा, 'अरुणाचल प्रदेश से गायब हुए पांच युवकों को औपचारिकताएं पूरी करने के बाद चीन ने किबितु में सेना को सौंप दिया। इन सभी को कोविड 19 प्रोटोकॉल के तहत 14 दिन के लिए क्वारंटीन किया जाएगा। इसके बाद इन्हें, इनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा।'
अब अगवा करने के बाद चीन 'उल्टा चोर कोतलवाल को डांटे' वाली हरकत कर रहा है। चीनी सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के संपादक हू शिजिन ने इन युवकों को भारतीय जासूस बताते हुए कहा कि ये असल में जासूस थे जो शिकारी के भेष में घूम रहे थे और चीन के संबंध में सूचनाएं एकत्र कर रहे थे।
रिजीजू ने किया था ट्वीट
इससे पहले द्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को कहा था कि शनिवार को इन युवकों को पीएलए भारत को सौपेगी। रिजिजू ने शुक्रवार को ट्वीट किया, 'चीन की पीएलए ने भारतीय सेना से इस बात की पुष्टि की है कि वह अरुणाचल प्रदेश के युवकों को हमें सौंप देंगे। उन्हें कल 12 सितंबर को किसी भी समय एक निर्दिष्ट स्थान पर सौंपा जा सकता है।' पीएलए ने मंगलवार को कहा था कि चार सितंबर को अपर सुबनसिरी जिले में भारत-चीन सीमा से लापता हुए पांच युवक उन्हें सीमापार मिले थे।
चीनी सैनिकों ने किया था अपहरण
यह घटना तब सामने आई थी जब एक समूह के दो सदस्य जंगल में शिकार के लिए गए थे और लौटने पर उन्होंने उक्त पांच युवकों के परिवार वालों को जानकारी दी थी कि युवकों को सेना के गश्ती क्षेत्र सेरा-7 से चीनी सैनिक ले गए हैं। यह स्थान नाचो से 12 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। मैकमोहन रेखा पर स्थित नाचो अंतिम प्रशासनिक क्षेत्र है और यह दापोरीजो जिला मुख्यालय से 120 किलोमीटर दूर है। पीटीआई के मुताबिक चीनी सेना द्वारा कथित तौर पर अगवा किए गए युवकों की पहचान तोच सिंगकम, प्रसात रिंगलिंग, डोंगतु एबिया, तनु बाकर और नगरु दिरी के रूप में की गई है।
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