किसान आंदोलन पर ग्रेटा थनबर्ग ने की थी टिप्पणी, UN के पूर्व अधिकारी ने पत्र लिखकर दी नसीहत

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Updated Feb 09, 2021 | 15:53 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

भारत में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर टिप्पणी करने वाली ग्रेटा थनबर्ग को युनाइटेड नेशन्स सस्टेनेबल एनर्जी फॉर ऑल के पूर्व मुख्य परिचालन अधिकारी मोहिंदर गुलाटी ने पत्र लिखकर नसीहत दी है।

Greta Thunberg
ग्रेटा थनबर्ग 

नई दिल्ली: पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन की दिशा में काम करने वाली 18 साल की ग्रेटा थनबर्ग ने हाल ही में जब भारत के आंदोलनकारी किसानों के पक्ष में ट्वीट किया तो वो निशाने पर आ गईं और उन्हें काफी तीखी आलोचना का शिकार होना पड़ा। अब युनाइटेड नेशन्स सस्टेनेबल एनर्जी फॉर ऑल के पूर्व चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर मोहिंदर गुलाटी ने पत्र लिखकर नसीहत दी है।

गुलाटी अपने पत्र में लिखते हैं, 'जब आप 2018 UNCCC में खड़े हुईं और जलवायु न्याय पर वैश्विक कल्पना को कैप्चर किया तो मैंने आपके साहस, प्रतिबद्धता की प्रशंसा की थी। 2015 तक युनाइटेड नेशन्स सस्टेनेबल एनर्जी फॉर ऑल के मुख्य परिचालन अधिकारी के रूप में मैंने सतत विकास लक्ष्य-7 और पेरिस जलवायु समझौते के लिए वैश्विक सहमति की वकालत की थी। मैंने आपको 2018 और 2019 में सुना तो मेरा दिल प्रसन्न हो गया, क्योंकि हम इस बात की वकालत कर रहे थे कि युवा बेहतर भविष्य के लिए बदलाव लाएंगे और आप उस विश्वास के मशाल के रूप में उभरे।

वो आगे लिखते हैं, 'हालांकि मैं कुछ निराशा के साथ आपको लिख रहा हूं कि आपने भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन जैसे राजनीतिक मुद्दों में हस्तक्षेप की कोशिश की है। यह उतना सरल व सहज नहीं है जितना कि आप समझती हैं। मैं आपको चार प्रमुख मुद्दों से अवगत कराना चाहूंगा जिन्हें आपको ध्यान से इस विषय पर एक राय के लिए विचार करना चाहिए। इसके बाद गुलाटी पत्र में आगे पराली जलाने, फूड वेस्टेज, जल संकट और भ्रष्टाचार-नियंत्रित कृषि बाजार पर विस्तार से समझाते हैं। 

यहां पढ़ें मोहिंदर गुलाटी का ग्रेटा थनबर्ग को लिखा पूरा पत्र

वो बताते हैं कि भारत सरकार किसानों के लिए क्या कर रही है। वो कहते हैं कि आप जलवायु परिवर्तन के लिए अच्छा काम कर रही हैं। क्लाइमेट चेंज मानवता के लिए एक संभावित खतरा है जिस पर तत्काल गंभीरता से विचार करने की दरकार है। हमें पेरिस समझौते और सतत विकास लक्ष्यों के कार्यान्वयन के लिए वैश्विक सहमति की जरूरत है। ऐसे स्थानीय राजनीतिक मुद्दों में दखल देना जिनमें अक्सर भ्रष्ट और राजनीतिक स्वार्थ निहित होता है, उससे एक बेहतर भविष्य के लिए वैश्विक नेताओं को प्रेरित करने की आपकी क्षमता कमजोर होगी। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप विवादास्पद स्थानीय राजनीतिक मुद्दों पर अपनी राजनीतिक और नैतिक पूंजी खर्च न करें। मैं इस पत्र की एक प्रति संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को भी भेज रहा हूं। 

(न्यूज एजेंसी IANS के इनपुट के साथ)

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