नई दिल्ली: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कैबिनेट का विस्तार कर रहे हैं। इसमें बीजेपी के अलावा अन्य सहयोगी दलों के नेताओं को भी शामिल किया जाएगा। मंत्रिमंडल में लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) से पशुपति पारस को शामिल किया जा रहा है। इसे लेकर चिराग पासवान ने नाराजगी जताई है। उन्होंने ट्विटर पर अपनी नाराजगी जाहिर की है।
चिराग पासवान ने कहा है, 'पार्टी विरोधी और शीर्ष नेतृत्व को धोखा देने के कारण लोक जनशक्ति पार्टी से श्री पशुपति कुमार पारस जी को पहले ही पार्टी से निष्काषित किया जा चुका है और अब उन्हें केंद्रीय मंत्री मंडल में शामिल करने पर पार्टी कड़ा ऐतराज दर्ज कराती है। प्रधानमंत्री जी के इस अधिकार का पूर्ण सम्मान है कि वे अपनी टीम में किसे शामिल करते हैं और किसे नहीं। लेकिन जहां तक LJP का सवाल है श्री पारस जी हमारे दल के सदस्य नहीं हैं। पार्टी को तोड़ने जैसे कार्यों को देखते हुए उन्हें मंत्री, उनके गुट से बनाया जाए तो LJP का कोई लेना देना नहीं है।'
उन्होंने आगे कहा कि लोकसभा अध्यक्ष के द्वारा पार्टी से निकाले गए सांसदों में से श्री पशु पति पारस जी को नेता सदन मानने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी ने माननीय लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष उनके फ़ैसले पर पुनः विचार याचिका दी थी जो अभी भी विचाराधीन है। लोक जनशक्ति पार्टी ने आज माननीय लोकसभा अध्यक्ष के प्रारम्भिक फ़ैसले जिसमें पार्टी से निष्कासित सांसद श्री पशुपति पारस जी को लोजपा का नेता सदन माना था के फ़ैसले के ख़िलाफ़ आज दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई है।'
इससे पहले मंगलवार को चिराग ने कहा था कि उन्हें (पशुपति पारस) लोजपा कोटे पर केंद्रीय मंत्री बनाना संभव नहीं है क्योंकि पार्टी के कार्यकारी बोर्ड ने उन्हें निष्कासित कर दिया है। मैंने इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र के माध्यम से सूचित किया है। अगर उन्हें मेरी पार्टी के सांसद के रूप में मंत्री नियुक्त किया गया तो मैं कोर्ट जाऊंगा। निर्दलीय सांसद या जदयू से मंत्री बने तो कोई बात नहीं।
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