नई दिल्ली : राजस्थान सहित देश के कई हिस्से टिड्डी दलों के हमले का सामना कर रहे हैं, जिसके कारण किसानों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत पैदा हो गई है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों में भी टिड्डियों के हमले की आशंका जताई जा रही है, जिसके मद्देनजर प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं। खेतों में खड़ी फसलों को टिड्डियों से होने वाले नुकसान के मद्देनजर अधिकारियों ने कीटनाशकों के छिड़काव के निर्देश दिए हैं।
टिड्डी दलों के हमलों से बचाव के लिए किसानों को जागरूक करने पर भी खासा जोर दिया जा रहा है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि थोड़ा जागरूक होकर टिड्डियों के हमले से फसल को बचाया जा सकता है। दिल्ली में कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक एपी सैनी के मुताबिक, 'टिड्डी दल दिन में उड़ते हैं और रात में आराम करते हैं, इसलिए इन्हें रात में नहीं ठहरने देना चाहिए।'
उत्तर प्रदेश में टिड्डी दलों के हमले को लेकर खतरा फिलहाल टला नहीं बल्कि बढ़ गया है। टिड्डियों के दल के हमले से किसान के साथ शहर के लोग भी परेशान हैं, महाराजगंज,कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, फतेहपुर, बांदा, कानपुर नगर, उन्नाव, फरूर्खाबादबदायूं, कासगंज के विभिन्न ब्लाकों में टिड्डियों के उड़ान की सूचना है, कृषि विभाग द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, '26 जून को सूचना मिली कि झांसी, चित्रकूट, प्रयागराज, प्रतापगढ़, भदोही, आजमगढ़ और अंबेडकरनगर जिलों के विभिन्न विकास खंडों में टिड्डियों का झुंड उड़ रहा है, इन जिलों की कृषि विभाग की टीमें टिड्डी दलों पर निरंतर निगरानी रख रही हैं,इन जिलों के अलावा इनसे सटे हुए जिलों हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, मिर्जापुर, सुल्तानपुर, मऊ और बलिया जपनदों के अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिये गये हैं।'
सरकार की ओर से जो सुझाव दिए गए हैं, उनमें अधिकारियों से खेतों में खड़ी फसलों एवं बाग-बगीचों में क्लोरोपायरीफोस और मैलाथियोन कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही इनसे बचाव के लिए कई अन्य उपाय भी सुझाए गए हैं, जिनमें कम से कम नर्सरी के पौधों को पॉलीथिन से ढकना भी शामिल है।
इस संबंध में यूपी के गौतम बुद्ध नगर के जिला मजिस्ट्रेट की ओर से भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। डीएम ने इस संबंध में अधिकारियों की एक टीम भी बनाई है, जो टिड्डे के झुंड से निपटने और फसलों को कीटों के हमले से बचाने के अभियान पर नजर रखेगी। नोएडा के डीएम की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि टिड्डी दल की तीन अवस्थाएं होती हैं, जिनमें वयस्क टिड्डी की अवस्था काफी हानिकारक होती है। टिड्डी दलों के प्रकोप की सूचना कृषकों तक पहुंचाने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाए गए हैं।
यहां उल्लेखनीय है कि टिड्डा झुंड मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश के झांसी और सोनभद्र जिलों में पहले ही प्रवेश कर चुका है। ऐसे में प्रशासन इसे लेकर विशेष सतर्कता बरत रहा है। टिड्डियों के प्रकोप से बचने के लिए नियंत्रण कक्ष की स्थापना भी की गई है। किसान 0120-2377985 पर कॉल कर इस संबंध में अपने सवाल कर सकते हैं। किसानों को सलाह दी गई है कि वे टिड्डों के झुंड को भगाने के लिए ढोल नगाड़े, टीन के डिब्बों, बर्तन, माइक सहित अन्य साउंड सिस्टम का उपयोग करें। इससे टिड्डे फसल पर नहीं बैठते।
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