ट्रेनें चलीं लेकिन मुश्किलें कम नहीं, यूपी और बिहार के फंसे प्रवासी मजदूरों का छलका दर्द

देश
आलोक राव
Updated May 11, 2020 | 17:07 IST

Migrant workers: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गत पांच मई को गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था और अगले 10-15 दिनों तक स्पेशल ट्रेन चलाए जाने की व्यवस्था करने का अनुरोध किया था।

Migrant workers from UP remain stuck in Ludhiana , some leave delhi for Bihar on foot
दिल्ली से बिहार के लिए पैदल निकले प्रवासी मजदूर।  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • प्रवासी मजदूरों के लिए देश भर में श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चल रही हैं
  • ट्रेनों से यूपी और बिहार सहित अन्य राज्यों में भेजे जा रहे प्रवासी मजदूर
  • कई प्रवासी मजदूरों का कहना है कि उन्हें ट्रेन चलने के बारे में जानकारी नहीं

नई दिल्ली : देश में श्रमिक ट्रेनें चलाए जाने की अनुमति मिलने के बावजूद प्रवासी मजदूरों की समस्या कम नहीं हुई हैं और लॉकडाउन में फंसे होने के चलते वे परेशान हैं। तो कहीं पैदल ही अपने गृह राज्य की तरफ रवाना हो गए हैं। उत्तर प्रदेश के कई मजदूर लुधियाना में फंसे हुए हैं। इन मजदूरों ने अपनी समस्या बताई है। इस बीच राजधानी दिल्ली से बिहार के मजदूरों का एक समूह पैदल ही पुर्णिया जिले के लिए रवाना हो गया है। 

'हमारे पैसे खत्म हो गए हैं'
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक गोंडा जिले के निवासी वीरेंद्र प्रताप ने बताया, 'यहां मेरे साथ रहने वाले अन्य लोगों ने घर लौटने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। हमें बस में बिठाकर रेलवे स्टेशन ले जाया गया और फिर वापस जाने के लिए कहा गया। हम लोगों को  अगले दिन भेजे जाने के लिए कहा गया लेकिन अभ तक कोई संदेश नहीं मिला है। हम लोगों के पास कोई नौकरी नहीं है। हमारे पैसे भी खत्म हो गए हैं। यहां हमारी मदद करने वाला कोई नहीं है।'

लुधियाना में फंसे हैं यूपी के मजदूर
राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गत पांच मई को गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था और अगले 10-15 दिनों तक स्पेशल ट्रेन चलाए जाने की व्यवस्था करने का अनुरोध किया था। प्रवासी मजदूरों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी की अपील के बावजूद हमें पूरे पैसे का भुगतान नहीं किया जा रहा है। फैक्टरी के मालिकों ने हमसे अपने घर जाने के लिए कहा है लेकिन हम अपने गृह राज्य कैसे जा सकते हैं क्योंकि हमारे पास जाने का कोई साधन नहीं है।

हमें ट्रेन चलने की जानकारी नहीं
दिल्ली में काम करने वाले बिहार के प्रवासी मजदूर संजीत कुमार ने एएनआई को बताया, 'हम लोग यहां निर्माणकार्य में लगे थे लेकिन लॉकडाउन की वजह से अब हमारे पास कोई काम नहीं है। हमें तरह-तरह की दिक्कतें हो रही हैं। हमारे पास पैसे नहीं हैं। हमारे पास खाने के लिए कुछ नहीं है इसलिए हमलोग अब पैदल ही अपने गांव जा रहे हैं। हमें सरकार की ओर से चलने वाली ट्रेनों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।'

1200 मजदूर बिहार भेजे गए
इसके पहले शुक्रवार को दिल्ली से श्रमिक स्पेशल ट्रेन से 1200 प्रवासी मजदूर बिहार भेजे गए। एक दूसरे प्रवासी मजदूर संतोष कुमार का कहना है, 'मैं अपनी पूरी कमाई घर भेज दिया करता था। अब मेरे पास पैसा बिल्कुल समाप्त हो गया है। हम दो दिनों से भूखे हैं। कोई रोजगार नहीं है। हम पैदल घर जा रहे हैं। हमने तय किया है कि यदि हमें भूख और प्यास से अपनी जान गंवानी है तो हम यह चीज रास्ते में होते हुए देखना चाहेंगे। हमारे पास न तो मोबाइल है और न पैसे हैं। हमें ट्रेन के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है।' 

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