नई दिल्ली: देश में कोरोना संकट काल के बीच लॉकडाउन जारी है जिसकी वजह से नौकरीपेशा से लेकर बिजनेस क्लास और हर तरीके के काम धंधे पर असर पड़ा है, तमाम कल कारखाने बंद हैं और वहां पर काम कर रहे हजारों लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट सामने खड़ा है, वहीं सरकार इस दिक्कत को देखते हुए मदद के लिए सामने आई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए इस फंड के इस्तेमाल पर प्रकाश डालते हुए कई ऐलान किए, इनमें अहम ऐलान कर्मचारियों के PF से संबधित भी है,सरकार ने कहा है कि 15,000 से कम वेतन वालों का पीएफ अगले 3 महीने तक सरकार देगी।
इसका फायदा सिर्फ उन्हीं कंपनियों को मिलेगा जिनके पास 100 से कम कर्मचारी हैं और 90 फीसदी कर्मचारी की सैलरी 15,000 रुपये से कम है।
2,500 करोड़ का लाभ लोगों को इस योजना से मिलेगा, वहीं प्राइवेट सेक्टर में ईपीएफओ में अंशदान घटाया गया है,पीएफ में अंशदान 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी किया गया है,केंद्र और पब्लिक सेक्टर में यह 12 फीसदी ही रहेगा इससे टेक होम सैलरी बढ़ेगी।
जानिए EPF योजना है क्या
यह स्कीम वेतन पाने कर्मचारियों के लिए है। ऐसी कंपनियां जहां 20 से अधिक कर्मचारी काम करते हों, तो वे EPF का फायदा उठा सकते हैं। इस स्कीम का प्रमुख उद्देश्य रिटायरमेंट के बाद की कर्मचारी की जरूरतों को पूरा करने के लिए फंड जमा करना है। इसमें दो तरह से योगदान होता है।
इस स्कीम में कर्मचारी की बेसिक सैलरी 12% नियोक्ता के द्वारा कर्माचरी के ईपीएफ अकाउंट में जमा किया जाता है। इतना ही हिस्सा कर्मचारी की सैलरी से काटा जाता है और उतना ही हिस्सा कंपनी को कर्मचारी के EPF अकाउंट में जमा कराना होता है। इस योजना में काफी बेहतर इंटरेस्ट रेट मिलता है।
कर्मचारी को खुद का और कंपनी का योगदान ब्याज के साथ रिटायरमेंट के समय दिया जाता है। हालांकि, कुछ खास परिस्थितियों जैसे, घर बनाना, बीमारी, शादी में कर्मचारी अपने पीएफ अकाउंट में से पैसे निकाल सकते हैं
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