नई दिल्ली : प्रवासी मजदूरों के लिए ट्रेन चलाए जाने को लेकर राजनीति भी जमकर हो रही है। ट्रेन चलाए जाने को लेकर महाराष्ट्र सरकार और केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल के बीच जुबानी जंग देखने को मिली है। अब रेल मंत्री ने कहा है कि रेलवे देश के 700 जिलों के लिए ट्रेन चलाने के लिए तैयार है। इसके लिए जिला प्रशासन को उन्हें सूची सौंपनी होगी। गोयल ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इस मसले पर विपक्ष को राजनीति नहीं करनी चाहिए। केंद्र सरकार बिना किसी भेदभाव के सभी राज्यों की मदद कर रही है।
एन न्यूज चैनल से बातचती में पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा, 'रेलवे देश के 700 जिलों से ट्रेन चलाने के लिए तैयार है। यदि कोई भी मजदूर सड़क पर दिखे तो जिला प्रशासन उनकी लिस्ट बनाकर उनका स्थान बता दे कि उन्हें कहां पर जाना है, हम वहीं से ट्रेन चलाकर उन्हें उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचा देंगे।' रेल मंत्री ने कहा कि सरकार बिना भेदभाव के सभी राज्यों की मदद कर रही है। राज्यों के अनुरोध को देखते हुए उनके लिए ट्रेनें भेजी जा रही हैं।
रेल मंत्री विशेष श्रमिक ट्रेनों के बारे में लगातार ट्वीट करते आए हैं। इससे पहले गोयल ने महाराष्ट्र सरकार से ट्रेनों की सूची मांगी थी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार अभी भी अगले एक घंटे में कितनी ट्रेन, कहां तक और पैसेंजर लिस्टें हमें भेज दे। हम प्रतीक्षा कर रहे है और पूरी रात काम कर कल की ट्रेनों की तैयारी करेंगे। कृपया पैसेंजर लिस्टें अगले एक घंटे में भेज दें।
रेलवे की प्रक्रिया पूरी न करने की वजह से महाराष्ट्र में करीब 65 ट्रेनें रद्द हुई हैं। श्रमिक ट्रेन चलाए जाने के लिए रेलवे ने राज्यों से प्रवासी मजदूरों की सूची सौंपने के लिए कहा है इसके लिए महाराष्ट्र सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को नोडल ऑफिसर नियुक्त किया है। मजदूरों की सूची मिल जाने के बाद रेलवे दोनों राज्यों की सहमति के बाद ट्रेन चलाती है।
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