नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी मन की बात के 65वें संस्करण में लोगों से रूबरू हो रहे थे। उन्होंने कहा कि अब देश खुल रहा है लिहाजा सबको सतर्क रहने की जरूरत है। आप को याद होगा कि उन्होंने पहले जान है, जहान है उसके बाद जान भी जहान भी और बाद में जग से जहां तक के जरिए आगे का संकेत दे दिया था। मई के दूसरे हफ्ते में वो देश को संबोधित कर रहे थे एक बात का जिक्र किया कि अब हमें लोकल पर आगे बढ़ना होगा और उसकी वजह भी बताई। मन की बात कार्यक्रम में उन्होंने एक बार फिर वोकल फॉर लोकल पर जोर दिया।
वोकल फॉल लोकल में मिली कामयाबी
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे अनुभव बताते हैं कि अब लोकल में लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है। अब देशवासी लोकल उत्पादों पर जोर दे रहे हैं यह शुभ संकेत हैं। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि हम जितना अधिक स्वदेशी उत्पादों का इस्तेमाल करेंगे उतनी ही आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि अच्छी बात यह है कि अब देश में आत्मनिर्भर भारत पर मंथन शुरू हो चुका है। आद देश के अलग अलग इलाकों में स्किल्ड मजदूरों की मैपिंग शुरू हो चुकी है जो हमारी प्रतिबजद्धता को दर्शाने के लिए पर्याप्त है।
देश के नाम संबोधन में भी किया था जिक्र
दरअसल पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन में पीपीई किट का खास तौर पर जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि यह सोचना नामुमकिन था की भारत इस मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा। जब कोरोना की चुनौती सामने आई तो देश उठ खड़ा हुआ और आज हम दूसरे देशों को निर्यात करने की स्थिति में हैं। इसके साथ यह भी कहा था कि आज दुनिया में जितने भी ब्रांड हैं वो कभी न कभी तो लोकल ही हुआ करते थे। पीएम ने कहा कि कौन सोच सकता था कि पीपीई किट का निर्माण भारत में होगा। लेकिन जब कुछ कड़वे अनुभव सामने आए तो हम लोग उस दिशा में आगे बढ़ गये।
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