नई दिल्ली: दिल्ली में फंसे बिहार के प्रवासी श्रमिकों के रेल किराए (Train Fare) को लेकर सियासत शुरू हो गई है। शुक्रवार को आम आदमी पार्टी ने दावा किया कि वह बिहार जाने वाले 1200 मजदूरों का रेल किराया देगी। आम आदमी पार्टी ने बकायदा इसे लेकर ट्वीट भी किया और बिहार सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा, 'बिहार सरकार के मना करने के बाद मुज़्ज़फ़रपुर के लिए रवाना विशेष ट्रेन में सवार सभी 1200 मज़दूरों का किराया देगी केजरीवाल सरकार। कोरोना संकट में अपने परिवार से दूर रह रहे मज़दूरों को लेकर दिल्ली से मुज़्ज़फ़रपुर, बिहार के लिए ट्रेन रवाना हुई।'
केजरीवाल पर लगा झूठ बोलने का आरोप
आप के इस दावे को लेकर बिहार की सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) भड़क गई। जेडीयू ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया, 'बिहार सरकार के आदेश के बिना कोई भी राज्य सरकर रेल अपनी मर्ज़ी से बिहार नहीं भेज सकती , ये तो पता ही होगा अरविंद केजरीवाल जी ? CM बने हुए अब समय हो गया आपको , गवर्नन्स याद हैं या भूल गए ? फिर ये झूठ !!! माफ़ी माँगिए नहीं तो दिल्ली में बिहारी बहुत हैं।'
सबूत के तौर पर जेडीयू ने जारी किया पत्र
इसके बाद अजय आलोक ने एक कथित पत्र साझा किया जो जो 7 मई को दिल्ली सरकार के नोडल अधिकारी पीके गुप्ता ने बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव को लिखा था। 1200 प्रवासी मजदूरों के दिल्ली से मुजफ्फरपुर यात्रा के लिए खर्चा जो तकरीबन 6.5 लाख होगा वह तत्काल दिल्ली सरकार वहन करेगी और बाद में इस रकम का भुगतान बिहार सरकार दिल्ली सरकार को करेगी।
माफी की मांग
अजय आलोक ने ट्वीट कर कहा, 'इस चिट्ठी पे क्या कहोगे अरविंद केजरीवाल ? आप लोग तो बिहार सरकार से पैसा ले रहे थे? बिहार सरकार ने मना कब किया ट्रेन के लिए ? नंगाई की कोई सीमा होती हैं या नहीं ? सबसे बड़े कोरोना तो इस घड़ी में आप लोग हो , माफ़ी माँगो नहीं तो बिहारी तो समझेंगे ही तुम्हें आगे न्यायालय में। माफ़ी माँगो अरविंद केजरीवाल झूठ फैलाने के लिए , बोलने के लिए, बिहार के अपमान के लिए।'
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