नई दिल्ली। रविवार की तुलना में पिछले तीन दिनों में दिल्ली और एनसीआर की आसमां से स्मॉग की परत छंटी है। लेकिन पीएम 2.5 और 10 अभी भी खराब श्रेणी में है। लोगों की सांसों पर स्मॉग के पहरे में कमी आई है। लेकिन लोगों को इंतजार है कि पीएम 2.5 और 10 कब तय समय सीमा में आएगा। इन सबके बीच आज दिल्ली की सड़कों पर ईवन नंबर की गाड़ियां दौड़ रही हैं।
प्रदूषण की मार से निपटने के लिए सीपीसीबी ने एक नवंबर को दिल्ली और एनसीआर में हेल्थ इमरजेंसी लागू किया गया था। इसके तहत तमाम कंस्ट्रक्शन गतिविधियों पर रोक लगा दी गई थी। स्कूलों को पांच नवंबर तक के लिए बंद कर दिया गया था। दिल्ली सरकार की तरफ से लोगों को मॉस्क भी बांटे गए। इन सबके बीच पीएमओ की तरफ से भी हस्तक्षेप किया। यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने चार नवंबर को संबंधित सरकारों पर कड़ी टिप्पणी की।
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि आप लोग पराली पर रोक लगाने में नाकाम क्यों साबित हो रहे हैं। अदालत में पंजाब सरकार की तरफ से दलीलें पेश की गईं। लेकिन अदालत को उनके तर्कों में दम नजर नहीं आया। पिछले तीन दिनों में पंजाब में पराली जलाए जाने के पांच हजार से ज्यादा मामले सामने आए।
अदालत ने दिल्ली सरकार के ऑड ईवन पर सवाल उठाते हुए कहा था कि आप घरों में कारों को कैद कर क्या पाएंगे। लोग अभी भी बड़ी संख्या में कारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। आप ने बसों को लाने का वादा किया था उन वादों का क्या हुआ। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि किसी सभ्य देश की पहचान इस तरह की नहीं हो सकती है। सच तो ये है कि दिल्ली में अब दम घुटता है।
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