मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार को आंदोलनरत किसानों के समर्थन में ट्वीट करने वाली विदेशी हस्तियों पर पलटवार के लिए चलाए गए अपने अभियान में लता मंगेशकर और सचिन तेंदुलकर को नहीं उतारना चाहिए था। ऐसे में इन हस्तियों को भी सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिकी गायिका रिहाना और अन्य हस्तियों का नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन करना भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने जैसा था, तो डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा भी परेशानी भरा था।
प्रतिष्ठा नहीं लगाने चाहिए थी दांव पर
राज ठाकरे ने संवाददाताओं से कहा, ‘केंद्र को लता मंगेशकर और सचिन तेंदुलकर को उसके रुख के समर्थन में ट्वीट करने के लिए नहीं कहना चाहिए था और उनकी प्रतिष्ठा को दांव पर नहीं लगाना चाहिए था। अब उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रॉलिंग का सामना करना पड़ेगा।’ उन्होंने कहा कि सरकार को अपने अभियान के लिए अक्षय कुमार जैसे अभिनेताओं का उपयोग ही सीमित रखना चाहिए।
किए थे समर्थन में ट्वीट
ठाकरे ने कहा, ‘वे (तेंदुलकर और मंगेशकर) अपने अपने क्षेत्रों के सही मायनों में दिग्गज हैं किंतु वैसे बहुत सरल व्यक्ति हैं। उन्हें उसी हैशटैग के साथ ट्वीट करने के लिए नहीं कहना चाहिए था। उन्होंने वही ट्वीट किया जो सरकार ने उनसे ट्वीट करने को कहा और अब उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।’ रिहाना और कुछ अन्य विदेशी शख्सियतों के ट्वीट के बाद तेंदुलकर और मंगेशकर सहित विभिन्न हस्तियों ने सोशल मीडिया पर ‘इंडिया टुगैदर’ और ‘इंडिया अगेन्स्ड प्रोपेगैंडा’ हैश टैग से सरकार के रुख के समर्थन में ट्वीट किए थे।
कमियां हों दूर
ठाकरे ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान मोदी की ह्यूस्टन रैली को हवाला देते हुए कहा, ‘इस आधार पर, अमेरिका में ‘अगली बार, ट्रंप सरकार’ जैसी रैली करने की कोई आवश्यकता नहीं थी। यह उस देश का आंतरिक मामला था।’ उन्होंने यह भी कहा कि किसान जिन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, उनमें कुछ कमियां हो सकती हैं, जिन्हें दूर किया जाना चाहिए।
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