राहुल गांधी को विदेश मंत्री का जवाब, 15 जून की रात हमारे जवानों के पास हथियार थे लेकिन इसलिए नहीं चलाई गोली

देश
आलोक राव
Updated Jun 18, 2020 | 17:12 IST

S jaishankar replies to Rahul Gandhi : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जवाब दिया है। विदेश मंत्री ने कहा कि सेना के जवान अपने पास हमेशा हथियार रखते हैं। गलवान घाटी में उनके पास हथियार थे।

S jaishankar replies to Rahul gandhi over not carrying arms in Galwan valley
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राहुल गांधी को दिया जवाब।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • गलवान घाटी में सोमवार रात हुई भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी झड़प
  • सीमा पर तनाव कम करने के लिए भारत-चीन के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बातचीत
  • पीएम मोदी ने दिया है कड़ा संदेश, शहीदों का बलिदान व्यर्थ न जाने की बात कही है

नई दिल्ली : गलवान घाटी में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने गुरुवार को अपना एक वीडियो जारी कर पूछा कि गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से लड़ने के लिए भारतीय जवानों को निहत्थे किसने भेजा। राहुल ने कहा कि खूनी संघर्ष के दौरान चीन के सैनिकों ने हमारे जवानों की हत्या कर दी। भारतीय जवानों को बिना हथियार के लड़ने के लिए भेजने की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। राहुल के इन सवालों का विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब दिया है। 

विदेश मंत्री ने बताया-इसलिए नहीं चली गोली
विदेश मंत्री ने अपने एक ट्वीट में कहा कि सबसे पहले हम तथ्य देख लें। उन्होंने कहा, 'बॉर्डर पर तैनात सेना की सभी टुकड़ियां खासकर जब वे अपना पोस्ट छोड़ती हैं, वे अपने साथ हथियार लेकर जाती हैं। 15 जून की रात भी ऐसा ही हुआ। गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष के दौरान भी उनके पास हथियार थे। सीमा पर गतिरोध के दौरान हथियार का इस्तेमाल न करने का समझौता भारत और चीन के बीच है। दोनों देश इसका पालन करते हैं। जवान 1996 एवं 2005 के करार के मुताबिक संघर्ष के दौरान हथियार का इस्तेमाल नहीं करते हैं।' 

चीन के भी सैनिक हुए हैं हताहत
इस खूनी संघर्ष में चीन के सैनिकों के भी हताहत होने की खबर है लेकिन चीन की तरफ से मारे गए सैनिकों को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। चीन सरकार के मुखपत्र 'ग्लोबल टाइम्स' के संपादक ने यह जरूर माना है कि इस संघर्ष में चीनी सैनिक भी हताहत हुए हैं लेकिन उन्होंने कोई आंकड़ा नहीं दिया।  सीमा पर करीब 45 साल के बाद भारत और चीन के बीच इतने भीषण तरीके से खूनी संघर्ष हुआ है।  

चीनी सैनिकों ने बनाई थी अस्थाई चौकी
गलवान घाटी एलएसी के पास भारतीय इलाके में पड़ता है। अब जो जानकारी सामने आई है उससे पता चला है कि चीनी सैनिकों ने यहां की एक ऊंची पहाड़ी पर अपनी एक अस्थाई चौकी बना ली थी। इस चौकी को हटाने के लिए भारतीय जवान जब वहां पहुंचे तो चीनी सैनिक वहां से चले गए और बाद में कीलें लगी रॉड और डंडों के साथ लौटे। इसके बाद उन्होंने भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया। चीनी सैनिकों की संख्या भारतीय जवानों से अधिक थी। इस गुत्थमगुत्था लड़ाई के दौरान 20 जवान शहीद हो गए। 

पीएम मोदी ने दिया है कड़ा संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन का नाम लिए बगैर उसे कड़ी चेतावनी दी है। पीएम ने कहा कि भारत शांति का पक्षधर देश है लेकिन उसे उकसाया गया तो वह मुहंतोड़ जवाब देने की क्षमता रखता है। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि गलवान घाटी में चीन की तरफ एकतरफा यथास्थिति में बदलाव की कोशिश की गई। गलवान घाटी में जो कुछ हुआ उसके लिए चीन जिम्मेदार है। सीमा पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच बुधवार को फोन पर बातचीत भी हुई।

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