कुछ दिनों तक चिकन या मटन नहीं खा पाएंगे तो क्या हो जाएगा? सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा

देश
आलोक राव
Updated Apr 15, 2020 | 14:20 IST

SC on Checken-Mutton: याचिकाकर्ता ने अपनी अर्जी में कहा कि वह अपने घर से चिकन एवं मटन की तलाश में निकला थे लेकिन पुलिस ने उन्हें परेशान किया। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि चिकन-मटन भी जरूरी सामग्री में शामिल है।

 Supreme Court asks What if you dont have chicken or mutton for some days?
चिकन-मटन खाने की मांग को लेकर व्यक्ति पहुंचा सुप्रीम कोर्ट। 
मुख्य बातें
  • चिकन और मटन खाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा व्यक्ति
  • दलील में कहा कि नॉन वेज की दुकानें हमेशा खुली रखी जाएं
  • पुलिस पर परेशान करने का लगाया आरोप, देश में 3 मई तक है लॉकडाउन

नई दिल्ली : लॉकडाउन के दौरान लोगों को जरूरी वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति हो रही है लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जो मनमाफिक खाने के लिए लॉकडाउन तोड़ने बाज नहीं आ रहे हैं। मनमाफिक वस्तुएं न मिलने की वजह से उन्हें परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, एक याचिकाकर्ता चिकन और मटन खाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। याचिकाकर्ता ने नॉन वेज की दुकानें पूरी तरह से खोलने की मांग की है।

पुलिस पर लगाया परेशान करने का आरोप
याचिकाकर्ता ने अपनी अर्जी में कहा कि वह अपने घर से चिकन एवं मटन की तलाश में निकला थे लेकिन पुलिस ने उन्हें परेशान किया। याचिकाकर्ता ने कोर्ट के सामने दलील दी कि चिकन और मटन भी जरूरी सामग्री में शामिल है। व्यक्ति का आरोप है कि वह ग्रॉसरीज की वस्तुएं खरीदने के लिए बाहर निकला था लेकिन पुलिस ने उसे परेशान किया। याचिकाकर्ता ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान नॉन वेज की दुकानें भी पूरी तरह से खोली जाएं। सरकार ने ग्रोसरीज की दुकानों को खोले रखने का भरोसा दिया है लेकिन वह चिकन और मटन खरीदने निकले तो पुलिस ने उन्हें परेशान किया। इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि आप कुछ दिनों तक चिकन और मटन नहीं खा पाएंगे तो क्या हो जाएगा? आप बाहर निकलकर भीड़ क्यों बढ़ाना चाहते हैं?

लॉकडाउन के दौर से गुजर रहा है देश
बता दें कि कोविड-19 के खतरे को देखते हुए देश लॉकडाउन के दौर से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च से 21 दिनों के लिए देश में लॉकडाउन की घोषणा की। लॉकडाउन की यह अवधि 14 अप्रैल को समाप्त हो रही थी लेकिन पीएम मोदी ने गत मंगलवार को एक बार फिर देश को संबोधित करते हुए लॉकडाउन की अवधि तीन मई तक के लिए बढ़ा दी। पीएम ने कहा कि स्थितियां अभी ऐसी नहीं हैं कि लॉकडाउन को उठाया जाए। पीएम ने कहा कि लॉकडाउन की बड़ी कीमत देश को चुकानी पड़ी है लेकिन लोगों का जीवन ज्यादा महत्वपूर्ण है।

पीएम ने लोगों से घर में रहने की अपील की है
गत 24 मार्च को देश के नाम अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जरूरी वस्तुओं एवं सेवाओं की कमी नहीं होने दी जाएगी। इस दौरान आवश्यक सामग्रियां जैसे कि दूध, दवा, फल, सब्जी  ॉऔर राशन की दुकानें खुली रहेंगी। पीएम ने लोगों से अपील की कि वे घर में ही रहें।  लोगों ने यदि घर की लक्ष्मण रेखा लांघी तो वे खुद को और अपने परिवार को एक बड़े खतरे में डाल देंगे। पीएम की इस अपील को लोगों ने माना। हालांकि लॉकडाउन की घोषणा होने के अगले दो-तीन दिनों में कई जगहों पर लॉकडाउन उल्लंघन की घटनाएं सामने आईं। इन घटनाओं पर पीएम ने नाराजगी जताते हुए राज्यों को लॉकडाउन का पालन सख्ती से कराने का निर्देश दिया।

लोगों को मुफ्त भोजन दे रहीं राज्य सरकारें
लोगों को जरूरी चीजों की कमी न हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारें भी अपने तरफ से पूरा प्रयास कर रही हैं। दिल्ली, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्य गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को मुफ्त भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। लोगों को जरूरी सामानों की आपूर्ति करने के लिए शहरों में राशन, दवा, दूध और ग्रोसरी की दुकानें तय समय के दौरान खुल रही हैं। हालांकि सरकार का निर्देश है कि इन जगहों पर ज्यादा भीड़ न हो और लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।

स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक देश में कोरोना वायरस से संक्रमण की संख्या बढ़कर 11439 तक पहुंच गई है। इस दौरान 1308 लोगों को उपचार के बाद ठीक किया गया है जबकि 377 लोगों की जान गई है। कोविड-19 से संक्रमण के सबसे ज्यादा 2687 मामले महाराष्ट्र में आए हैं। यहां इस माहामारी से 178 लोगों की मौत हुई है। दिल्ली और तमिलनाडु बुरी तरह कोविड-19 की चपेट में हैं। 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर