नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट आज दो महत्वपूर्ण फैसले सुनाएगा जिनमें से एक अवमानना के दोषी ठहराए गए प्रशांत भूषण और दूसरा भगोड़े कारोबारी विजय माल्या की एक पुनर्विचार याचिका से संबंधित है। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ भूषण के खिलाफ अपना फैसला सुनाएगी। अदालत की अवमानना अधिनियम के तहत सजा के तौर पर प्रशांत भूषण को छह महीने तक की कैद या दो हजार रुपये का जुर्माना अथवा दोनों सजा हो सकती हैं। भूषण द्वारा कोर्ट से की माफी मांगने के सुझाव को खारिज किए जाने के बाद सीनियर एडवोकेट राजीव धवन कोर्ट से कहा था कि अदालत की तरफ ‘स्टेट्समैन जैसा संदेश’ दिया जाना चाहिए और भूषण को शहीद न बनाएं।
वकीलों ने दी ये दलीलें
भूषण की तरफ से पैरवी कर रहे राजीव धवन ने उनके पूरक बयान का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया था कि वह अपने 14 अगस्त के फैसले को वापस ले लें और उनके मुव्वक्किल को कोई सजा ना दें। इस दौरान राजीव धवन ने कहा कि इस मामले को बंद कर सुप्रीम कोर्ट को विवाद का भी अंत करना चाहिए। वहीं अटॉर्नी जनरल के. के वेणुगोपाल ने अदालत से अनुरोध किया कि वह भूषण को इस संदेश के साथ माफ कर दे कि उन्हें भविष्य में ऐसी गलती ना दोहराएं।
ये है माल्या का केस
वहीं विजय माल्या की याचिका पर जस्टिस यू यू ललित और जस्टिस अशोक भूषण ने मामले में दलीलें सुनने के बाद गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। माल्या की तरफ से अदालत की अवमानना मामले में 2017 में सुनाए गए आदेश पर पुनर्विचार का अनुरोध किया गया था। दरअसल भगौड़े कारोबारी माल्या ने शीर्ष न्यायालय के नौ मई 2017 के उस आदेश पर पुनर्विचार के लिये याचिका दायर की थी, जिसमें उसे न्यायिक आदेशों को दरकिनार कर अपने बच्चों के खातों में चार करोड़ अमेरिकी डॉलर ट्रांसफर करने पर अदालत की अवमानना का दोषी करार दिया गया था।
लंदन में रह रहा है माल्या
नौ हजार करोड़ रुपये से अधिक के बैंक कर्ज धोखाधड़ी मामले में आरोपी माल्या फिलहाल ब्रिटेन में रह रहे हैं। उनके खिलाफ ब्रिटेन की कोर्ट में भी केस चल रहा है। भारत में माल्या की कई संपत्तियों को जांच एजेंसियों ने सील या जब्त कर लिया है और उन्हें भारत लाने की लगातार कानूनी कोशिश की जा रही है।
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