माफी मांगने पर वापिस हो सकता है राज्यसभा के 12 सांसदों का निलंबन, कल वेंकैया नायडू से कर सकते हैं मुलाकात: सूत्र

Rajya Sabha MPs: इस साल मानसून सेशन के दौरान हंगामा और मारपीट के आरोपी 12 सांसदों को विंटर सेशन के पूरे सत्र से बाहर कर दिया गया है। नियम 256 के तहत कार्रवाई हुई है।

Rajya Sabha
राज्यसभा 
मुख्य बातें
  • 12 सांसदों को विंटर सेशन के पूरे सत्र से बाहर कर दिया गया है
  • मानसून सत्र के दौरान हंगामा और धक्का-मुक्की करने का है आरोप
  • 11 अगस्त 2021 को सदन के काम में बाधा डाली गई, हिंसा की गई और सुरक्षाकर्मियों पर भी हमला किया गया

नई दिल्ली: आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ। पहले ही दिन विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले मानसून सत्र के दौरान अशोभनीय आचरण करने के लिए वर्तमान सत्र की शेष अवधि तक के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया। 14 विपक्षी पार्टियों ने लेटर जारी कर इसे लोकतंत्र की हत्या बताया। अब जानकारी आई है कि ये सांसद कल यानी मंगलवार को चेयरमैन एम वेंकैया नायडू से मुलाकात कर सकते हैं।

न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, सूत्रों से जानकारी मिली है कि राज्यसभा के निलंबित सांसद कल सदन के सभापति एम वेंकैया नायडू से मिल सकते हैं। सूत्रों ने कहा कि जिन सदस्यों (राज्यसभा सांसदों) के खिलाफ कार्रवाई की गई है, यदि वे नियमानुसार माफी मांगते हैं, तो भविष्य के संबंध में विचार-विमर्श किया जा सकता है। 

इन सांसदों को निलंबित किया गया

एलमरम करीम (CPM)
फूलो देवी नेताम (कांग्रेस)
छाया वर्मा (कांग्रेस)
रिपुन बोरा (कांग्रेस)
बिनॉय विश्वाम (CPI)
राजमनी पटेल (कांग्रेस)
डोला सेन (TMC)
शांता छेत्री (TMC)
सैय्यद नासिर हुसैन (कांग्रेस)
प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना)
अनिल देसाई (शिवसेना)
अखिलेश प्रसाद सिंह (कांग्रेस)  

सांसदों को नियम 256 के तहत निलंबित किया गया है। आदेश में कहा गया कि ये सदन चेयर की गरिमा को ठेस पहुंचाने और सदन के नियमों का उल्लंघन करने की कड़ी निंदा करता है। राज्यसभा के मानसून सत्र के 254वें सेशन के आखिरी दिन यानि 11 अगस्त 2021 को सदन के काम में बाधा डाली गई, हिंसा की गई और सुरक्षाकर्मियों पर भी हमला किया गया। इससे सदन की गरिमा को बहुत ठेस पहुंची। इसलिए राज्यसभा के नियमों के अनुसार सदन इन सदस्यों को 255वें सत्र के बाकी बचे समय के लिए निलंबित करता है।

फैसले के विरोध में विपक्षी दलों ने कहा है कि राज्यसभा में विभिन्न दलों के नेता मंगलवार को बैठक करेंगे और सरकार के अधिनायकवादी फैसले का विरोध करने तथा संसदीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए आगे के कदम पर विचार करेंगे। 

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