नई दिल्ली: गृह मंत्रालय में सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने एक अहम बैठक की, बैठक में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, (RK Singh) कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी (Pralhad Joshi) और उर्जा और कोयला मंत्रालय के अधिकारी शामिल हुए, इसके अलावा एनटीपीसी के अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे।
देश में बिजली संकट (Power Crisis)से निपटने को कोल, रेल और पॉवर तीनों मिनिस्ट्री ने मिलकर 'क्राइसिस ग्रुप' बनाया है। तीनों मंत्रलाय के बड़े अधिकारी है शामिल, 24/7 मॉनिटरिंग हो रही है, देश के 135 बड़े थर्मल पावर प्लांट की सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी यानि CEA यूनिट के तहत मॉनिटरिंग होती है। डिमांड के मुताबिक कोयले की रैक को डाइवर्ट किया जाता है। फिलहाल इनमें से क़रीब 120 प्लांट तक मालगाड़ियों से कोयला पहुंचता है. रेलवे को माल सप्लाई के लिए 750 रेक की ज़रूरत है लेकिन उसके पास 100 रेक रिजर्व है।
फिलहाल रेलवे से हर रोज़ क़रीब 435 रेक यानि क़रीब 4000 टन कोयले की ढुलाई हो रही है, माना जा रहा है कि यह 450 रेक तक पहुंचने के बाद पावर हाउसेस में कोयले का संकट ख़त्म हो जाएगा दूसरी तरफ 2 साल पहले मालगाड़ियों की औसर स्पीड 24 किलोमीटर प्रतिघंटे से बढ़कर क़रीब 46 किलोमीटर प्रतिघंटे हो चुकी है।
बारिश की वजह से कोयले की कम ख़ुदाई और ढुलाई की वजह से देश के कई पावर प्लांट्स में कोयले का स्टॉक काफ़ी कम हो गया है, इससे कई प्लांट्स में बिजली के उत्पादन पर असर पड़ने का भी आशंका जताई जा रही है।
गौर हो कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने रविवार को दिल्ली वितरण कंपनियों को बिजली आपूर्ति करने वालों सहित सभी ताप विद्युत संयंत्रों में कोयला भंडार की स्थिति की समीक्षा करने के बाद कहा था कि दिल्ली को किसी भी तरह के बिजली संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों को पर्याप्त ईंधन उपलब्ध कराया जा रहा है।
कोयला मंत्रालय और सीआईएल ने आश्वासन दिया है कि देश में बिजली संयंत्रों की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त कोयला उपलब्ध है, और बिजली आपूर्ति में व्यवधान का कोई भी डर पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा था कि बिजली संयंत्रों में कोयले का स्टॉक चार दिनों से अधिक की आवश्यकता के लिए पर्याप्त है। चूंकि, सीआईएल द्वारा कोयले की आपूर्ति तेज की जा रही है, इससे बिजली संयंत्र में कोयले के स्टॉक में धीरे-धीरे सुधार होगा।
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