नई दिल्ली: जापान तट पर अलग खड़ा किए गए एक क्रूज जहाज में मौजूद दो और भारतीयों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। वहीं, भारत ने भरोसा दिलाया है कि वह जहाज पर मौजूद अपने नागरिकों की सोमवार से शुरू होने वाली अंतिम जांच में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि नहीं होने पर उनकी स्वदेश वापसी के लिए हर संभव सहायता मुहैया करेगा।
जापान के तट पर इस महीने की शुरूआत से पृथक खड़े डायमंड प्रिंसेस नामक जहाज पर कुल 3,711 लोग सवार हैं। इनमें चालक दल के 132 सदस्यों और 6 यात्रियों सहित कुल 138 भारतीय हैं। जहाज पर रविवार को कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 355 पहुंच गई।
भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया, 'पिछले दो दिनों में डायमंड प्रिंसेस पर कोरोना वायरस से संक्रमण के 137 मामले सामने आए हैं जिनमें दो भारतीय भी शामिल हैं और उन्हें इलाज के लिए तट पर मौजूद चिकित्सा केंद्र ले जाया गया है। पहले से संक्रमित चालक दल के तीन भारतीय सदस्य का इलाज किया जा रहा है। उनकी हालत में सुधार हो रहा है। अब उन्हें बुखार या दर्द नहीं है।'
भारतीय दूतावास ने ट्वीट कर कहा, 'जहाज पर 17 फरवरी से कोरोना वायरस के संक्रमण की अंतिम जांच की जाएगी और यह अगले कई दिनों तक जारी रहेगा।'
भारतीय दूतावास ने हरसंभव मदद का दिलाया भरोसा
दूतावास ने कहा, 'उम्मीद है कि बहादुरी से स्थिति का सामना कर रहे भारतीय नागरिक परीक्षण में संक्रमण से मुक्त पाए जाएंगे और उन्हें स्वदेश जाने की अनुमति मिलेगी। तोक्यो स्थित भारतीय दूतावास सभी संभव मदद मुहैया कराने के लिए तैयार है।' दूतावास ने बताया था कि कोरोना वायरस से संक्रमित तीन लोगों के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।
दूतावास ने बताया कि पृथक केंद्र में रहने की अवधि समाप्त होने पर भारतीयों को जहाज से यथाशीघ्र उतारने और उनके कल्याण के लिए जापान सरकार और जहाज प्रबंधन से चर्चा की जा रही है।उल्लेखनीय है कि जहाज से हांगकांग उतरे एक व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि होने के बाद क्रूज जहाज को पृथक रखा गया है।
भारतीय दूतावास ने जहाज पर मौजूद भारतीयों को ई-मेल के जरिये भरोसा दिलाया है कि उनकी हरसंभव मदद की जाएगी।फेसबुक पेज के जरिये दूतावास ने जापान सरकार के दिशानिर्देश का अनुपालन करने का भी अनुरोध किया है।
जापान सरकार ने गुरुवार को घोषणा की थी कि जहाज पर मौजूद 80 साल से अधिक उम्र के यात्री, जो कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं है, उन्हें वहां से निकलने की अनुमति दी जाएगी।हालांकि, शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया कि इस श्रेणी में कोई भी भारतीय नहीं है।
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