नई दिल्ली : दोपहिया वाहन चलाते समय जुर्माने के डर से आम तौर पर लोग किसी भी तरह का हेलमेट पहन लेते हैं। लेकिन अब ऐसा करने वालों को भारी-भरकम जुर्माना देना पड़ेगा। केंद्र सरकार ऐसा कानून लाने जा रही है, जिसमें लोकल हेलमेट पहनकर दोपहिया वाहन चलाने वालों को 1,000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। वहीं, लोकल हेलमेट बनाने वालों के साथ भी सख्ती से निपटा जाएगा। ऐसे लोगों पर दो लाख रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है और उन्हें जेल भी भेजा जा सकता है।
इस कानून का मकसद लोगों को खराब गुणवत्ता के हेलमेट पहनने से रोकना है, जिसकी वजह से आए दिन सड़क दुर्घटनाओं में कई दोपहिया सवार की मौत हो जाती है। आंकड़ों की मानें तो खराब गुणवत्ता के हेलमेट पहनने के कारण या बिना हेलमेट के सड़कों पर दोपहिया वाहन चलाने या बाइक पर बैठने के कारण रोजाना 28 लोगों की जान चली जाती है। आम तौर पर लोग किफायती होने के कारण ब्रांडेड हेलमेट की बजाय लोकल हेलमेट खरीद लेते हैं और उसे ही पहनकर दोपहिया वाहन चलाते हैं।
केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने बाइक सवारों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पहली बार इसे भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की सूची में शामिल किया है। इस बारे में 30 जुलाई को अधिसूचना जारी कर हितधारकों से आपत्ति व सुझाव मांगे गए हैं, जिसके 30 दिन बाद नया नियम लागू किया जाएगा। इसके तहत हेलमेट बनाने वाली कंपनियों को अपना उत्पाद बाजार में उतारने से पहले बीआईएस से क्वालिटी कंट्रोल प्रमाण-पत्र लेना आवश्यक होगा।
इसे लेकर जो नया कानून प्रस्तावित है, उसमें गैर बीआईएस मानक वाले हेलमेट के उत्पादन, स्टॉक व ब्रिकी को अपराध माना जाएगा और इसे लेकर सजा का प्रावधान भी होगा। ऐसे हेलमेट पहनने वालों पर जहां 1,000 रुपये का जुर्माना किया जा सकता है, वहीं इसके निर्माण व बिक्री पर दो लाख तक का जुर्माना देना पड़ सकता है और इसके लिए दोषी ठहराए जाने पर जेल भी हो सकती है। बीआईएस मानक वाले हेलमेट पर बैच, ब्रांड, बनने की तारीख आदि अंकित होगी, जिससे इस बारे में उभोक्ताओं को भी जानकारी रहेगी।
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