नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले ढाई महीने से दिल्ली की सीमा पर हैं। किसानों के आंदोलन का चरित्र पहले गैर राजनीतिक था। लेकिन राकेश टिकैत के सियासी आंसू के बाद तस्वीर बदली और गाजीपुर बार्डर पर सियासी मेला लग गया। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अब कहते हैं कि वो किसानों के साथ थे, हैं और आगे भी रहेंगे। इन सबके बीच राजस्थान दौरे के दूसरे दिन एक बार फिर उन्होंने निशाना साधा। अजमेर में उन्होंने क्या कुछ कहा उसे जानना जरूरी है।
कृषि का संबंध उद्योगपतियों से नहीं
राहुल गांधी ने कहा कि कृषि कानूनों के कार्यान्वयन बेरोजगारी का कारण होगा। पीएम कहते हैं कि वे विकल्प दे रहे हैं। हां, उन्होंने दिया है: भूख, बेरोजगारी और आत्महत्या। वे किसानों से बात करना चाहते हैं, लेकिन वे तब तक नहीं करेंगे, जब तक कि कानून निरस्त नहीं हो जाते। एग्रीकल्चर 'भारत माता' का है, उद्योगपति का नहीं। इससे पहले ट्वीट के जरिए उन्होंने कहा कि ना सच्चे ना अच्छे दिन मोदी सरकार के दौरान आया है।
राजस्थान के दौरे पर हैं राहुल गांधी
किसानों को संबोधित करने से पहले राहुल गांधी ने अजमेर के रूपनगढ़ में ट्रैक्टर को चलाकर संदेश देने की कोशिश की वो किसानों की मांगों और उनके साथ हैं। इससे पहले उन्होंने शुक्रवार को हनुमानगढ़ जिले के जाट बहुल इलाके का दौरा किया। जानकार कहते हैं कि वैसे तो उनका दौरा किसानों के लिए था। लेकिन जिस तरह से जाट इलाकों का चुनाव किया गया था उससे साफ है कि कांग्रेस राजनीतिक इबारत भी लिखने की कोशिश कर रही है।
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