ACB Action: राजस्थान का भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) न सिर्फ प्रदेश के रिश्वतखोरों को पकड़ रहा है, बल्कि इन आरोपियों के खिलाफ मजबूत केस बनाकर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा भी दिलवा रहा है। प्रदेश में लगातार दो दिन रिश्वतखोरों को एसीबी कोर्ट से मिली कड़ी सजा इस बात का उदाहरण है कि, अब रिश्वतखोरों की खैर नहीं है।
जयपुर में सोमवार को एक थानेदार को रिश्वत लेने के मामले में मिली दो साल की सजा के बाद लगातार दूसरे दिन यानी मंगलवार को एसीबी कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने रिश्वतखोर ग्राम विकास अधिकारी को तीन साल की सजा सुनाई है।
भरतपुर के ग्राम विकास अधिकारी वैर को एक पीड़ित से पांच सौ रुपए की रिश्वत लेना भारी पड़ गया। परिवादी ने एसीबी से शिकायत की तो अधिकारियों ने ट्रेप की कार्रवाई कर घूसखोर को रंगे हाथों पकड़ लिया। मामले में एसीबी कोर्ट ने मंगलवार को रिश्वत लेने के आरोपी बाबूलाल को कड़ी सजा सुनाई। विशिष्ट न्यायाधीश एसीबी कोर्ट की जज रूपा गुप्ता ने ग्राम विकास अधिकारी वैर, बाबूलाल को पांच सौ रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में तीन साल की सजा सुनाई। आपको बता दें, 17 सितंबर, 2008 में एसीबी भरतपुर की टीम ने घूसखोरी के मामले में आरोपी को रंगेहाथों ट्रेप किया था।
आपको बता दें, इससे पहले एसीबी की अदालत ने सोमवार को मुहाना थाने के एक पूर्व एसएचओ को रिश्वतखोरी के आरोप में दोषी मानते हुए दो साल की जेल और पचास हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी को साल 2013 में रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया था। आरोपी के खिलाफ परिवादी ने एसीबी को शिकायत दी थी। परिवादी का आरोप था कि, मुहाना थाने में उसके खिलाफ दर्ज एक मामले में मदद करने के नाम पर उससे एसएचओ एक लाख रुपए की रिश्वत मांग रहा है। एसीबी ने मामले को सत्यापित कर ट्रेप का जाल फैलाया और रिश्वतखोर पुलिस अधिकारी को रंगे हाथों पकड़ लिया। अब आरोपी को दो साल की सजा हुई है।
इसी माह की शुरुआत में भीलवाड़ा में जलदाय विभाग के रिश्वतखोर जेईएन सोहन लाल मीणा और उसके हेल्पर पवन कुमार शर्मा को पांच हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में चार-चार साल की कड़ी सजा दी गई है। रिश्वतखोर जेईएन ने 48 हजार के बिल भुगतान की एवज में परिवादी से पांच हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। जिसके बाद पीड़ित ने एसीबी से संपर्क किया। एसीबी ने जाल बिछाया और रिश्वतखोर जेईएन और उसके हेल्पर को रंगे हाथों पकड़ लिया। अब कोर्ट ने आरोपियों को चार-चार साल की सजा और बीस-बीस हजार रुपए के आर्थिक दंड की सजा सुनाई।
Jaipur News in Hindi (जयपुर समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharat पर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।