भारी पुलिस सुरक्षा के बीच घोड़े पर चढ़ा दलित IPS दूल्हा, राजस्थान में अब भी है जातीय भेदभाव

दुनिया तरक्की करते-करते कहां से कहां पहुंच गई है। लेकिन राजस्थान के लोगों में अब भी जातीय भेदभाव है। एक दलित आईपीएस आधिकारी को अपनी शादी की रस्म में घोड़े पर चढ़ने के लिए पुलिस सुरक्षा लेनी पड़ी। 

Dalit IPS groom rides on horse amidst heavy police security, caste discrimination still exists in Rajasthan
दलित आईपीएस अधिकारी को घोड़े पर चढ़ने के लिए पुलिस सुरक्षा लेनी पड़ी  |  तस्वीर साभार: Representative Image

जयपुर: कड़े कानूनों और सामाजिक सुधारों के बाद भी भारत के कई हिस्सों में जातिगत भेदभाव बदस्तूर जारी है। इसी तरह का राजस्थान से एक ताजा घटना की रिपोर्ट सामने आई है। दलित आईपीएस अधिकारी को घोड़े पर चढ़ने के लिए पुलिस सुरक्षा लेनी पड़ी। इस युवा दलित आईपीएस अधिकारी को घोड़े पर बिंदौरी नामक अपने विवाह पूर्व रस्म को अंजाम देने के लिए भी पुलिस सुरक्षा लेनी पड़ी। घटना जयपुर के भाबरू थाना क्षेत्र के भगतपुरा जयसिंहपुरा गांव की बताई जा रही है।

आईपीएस अधिकारी सुनील कुमार धनवंत ने भारी पुलिस सुरक्षा के बीच घोड़े की सवारी की। पहले ऐसी कई घटनाओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया। इन इलाकों में कई बार दलित दूल्हों को घोड़े की सवारी करने के लिए निशाना बनाया गया था। पूरे आयोजन के दौरान भारी पुलिस बल ने तैनात किया गया। पत्रिका की एक रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस अधिकारी 18 फरवरी को शादी करने जा रहे हैं।

मंगलवार को सूरजपुरा से इस आईपीएस अधिकारी के परिवार को  एक पूर्व-विवाह समारोह के लिए आमंत्रित किया गया था। इसके बाद आईपीएस अफसर डीजे पार्टी के साथ घोड़े पर सवार होकर सूरजपुरा पहुंचे। दूल्हे की रस्म मंगलवार को गांव के मुख्य मार्गों से गुजरी। पुलिस बंदोबस्त उन घटनाओं को ध्यान में रखते हुए किया गया था क्योंकि घोड़ों पर सवार दलित दूल्हों को कथित तौर पर उच्च जाति के गुंडों द्वारा निशाना बनाया जाता रहा है।

जयपुर (ग्रामीण) के एसपी मनीष अग्रवाल ने कहा कि हमने एहतियात के तौर पर इलाके में पुलिस तैनात कर दी है। अधिकारी की बिंदौरी को शांतिपूर्ण तरीके से अंजाम दिया गया। आईपीएस अधिकारी सुनील कुमार धनवंत ने कहा कि पिछली घटनाओं को देखते हुए पुलिस दल को तैनात किया गया था। साथ ही कहा कि मैं बिना दहेज शादी कर रहा हूं।

पिछले साल नवंबर में, राजस्थान के जयपुर में एक दलित दूल्हे की शादी की बारात पर पत्थर फेंके गए थे, जो घोड़े पर सवार होकर अपनी दुल्हन के घर जा रहा था। घटना के बाद, 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया और पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) समेत तीन पुलिस अधिकारियों को हटा दिया गया। यह हमला सुरक्षा मुहैया कराने के लिए तैनात पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में हुआ था।

जयपुर के कोटपुतली क्षेत्र के केरोड़ी गांव के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि कोई दलित दूल्हा घोड़े पर सवार हुआ है। परेशानी होने पर दुल्हन के पिता ने पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए आवेदन दिया। तदनुसार, विवाह समारोह के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए करीब 70 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। बारात के दुल्हन के घर पहुंचने के बाद दूल्हे और उसके रिश्तेदारों ने तोरण की रस्म शुरू की। हैरानी की बात यह है कि भारी पुलिस बल के बावजूद इलाके के कुछ लोगों ने जुलूस पर पथराव किया।

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