Jaipur Crime News: राजधानी जयपुर के रामनगरिया थाना क्षेत्र में 13 साल के एक मासूम बच्चे से साथ दो हैवानों ने यौन अत्याचार किया। बच्चे को जमकर मारा गया, वह रोता रहा, लेकिन बदमाशों का दिल नहीं पसीजा। बच्चे की गलती सिर्फ इतनी थी कि वो अपनी भूख मिटाने के लिए कोई काम ढूंढ रहा था। जब बदमाशों ने उसे काम दिलाने का झांसा दिया तो मासूम उनकी बातों में आ गया और दरिंदगी का शिकार हो गया।
अत्याचारों की कहानी यहीं नहीं रुकी, आरोपी बदमाशों ने बच्चे पर चोरी का आरोप लगाया और उसे पीटते हुए थाने ले गए। यहां पुलिस ने भी पूरी सच्चाई जानने की जगह बच्चे को बाल अपचारी मानते हुए ट्रांसपोर्ट नगर स्थित बाल सुधार गृह भेज दिया। यहां एक एनजीओ ने बच्चे की काउंसलिंग की तो उसने जो दास्तान बताई उसे सुन सभी की आंखे भर आईं। अब मंगलवार रात को चाइल्ड वेलफेयर की ओर से रामनगरिया थाने में मामला दर्ज करवाया गया है।
चाइल्ड वेलफेयर के सदस्यों ने बताया कि, अप्रैल में बच्चे का यौन शोषण किया गया। बच्चे ने बताया कि, कई साल पहले उसकी मां की मौत हो गई थी। जिसके बाद नशेड़ी पिता ने उसे घर से बाहर निकाल दिया। मासूम की पांच बुआएं हैं। जब कोई और सहारा न मिला तो वो एक एक कर अपनी सभी बुआओं के पास गया, लेकिन किसी ने भी इस बेघर-बेसहारा बच्चे को सहारा नहीं दिया। जिसके बाद बच्चा फिर से सांभर में अपने पिता के घर पहुंचा। यहां पिता से रो-रोकर घर में रखने की मिन्नतें कीं, लेकिन नशेड़ी पिता का दिल नहीं पसीजा। पिता उसे मारने पर उतारू हो गया। आखिरकार दादी बचाव में आई और पोते को अपने साथ चौमूं ले गई। लेकिन ये सहारा भी कुछ ही महीनों का रहा। बीमार बूढ़ी दादी की मौत हो गई और एक बार फिर से मासूम बेसहारा हो गया। वह फिर बुआओं के पास मदद की उम्मीद में पहुंचा, लेकिन किसी ने साथ न दिया।
जब सब दरवाजे बंद हो गए तो मासूम जयपुर में सिंधी कैंप इलाके में रहने लगा। सड़क पर रहता और जैसे-तैसे पेट भरता। इसी दौरान अप्रैल में उसे दो शख्स मिले। उन्होंने वादा किया कि, वह उसे अच्छा काम दिला देंगे। मासूम ने सोचा कि, ये भले लोग उसे सहारा देंगे। आरोपी बच्चे को रामनगरिया स्थित वीआईटी कॉलेज के पास ढाबे पर ले गए। यहां काम करवाया और फिर रात में घर लेकर उसका यौन शोषण किया। आरोपी अपना जुर्म छिपाने के लिए खुद ही बच्चे को पुलिस के पास ले गए और फिर उसपर घर में चोरी करने का आरोप लगा दिया। जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर बच्चे को बाल सुधार गृह भेज दिया। जहां करीब चार माह बाद मामला खुलकर सामने आया है। एनजीओ के सदस्यों का कहना है कि, बच्चा इतने सदमे में था कि, उसने इतने महीने में किसी से आपबीती नहीं कही। काउंसलिंग के दौरान जब वह नॉर्मल हुआ तो उसने अपने साथ हुए अत्याचार बताए। अब दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
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