कोटा: राजस्थान के कोटा में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां अस्पताल में मरीज की मौत केवल उसके परिजनों की लापरवाही की वजह से हो गई। मामला 13 जून का है जहां कोटा के महाराव भीम सिंह (एमबीएस) अस्पताल में कोरोना संक्रमण के संदेह होने की वजह से एक 40 वर्षीय शख्स को भर्ती किया गया था। लेकिन जब रिपोर्ट आई तो वह कोरोना संक्रमित नहीं निकला। इसके बाद मरीज को अलग वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया।
मरीज के परिजनों को लग रही थी गर्मी
जिस वार्ड में मरीज को शिफ्ट किया था वहां गर्मी बहुत थी जिससे मरीज के साथ आए परिजन बहुत परेशान हो गए। इसके बाद जब परिजनों को वहां लगे कूलर के लिए कोई अलग प्लग सॉकेट नहीं मिला तो उन्होंने वेंटिलेटर का ही प्लग हटा दिया। लगभग आधे घंटे के बाद जब वेटिंलेटर की बिजली खत्म हो गई तो परिजनों को चिंता होने लगी और तुरंत इस बारे में उन्होंने डॉक्टरों को सूचना दी। पीटीआई के मुताबिक इसके बाद डॉक्टरों ने मरीज पर सीपीआर का प्रयोग किया लेकिन तब तक मरीज की मौत हो गई।
अस्पताल में मचा हडकंप
इस घटना के बाद अस्पताल में हडकंप मच गया। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. नवीन सक्सेना ने कहा कि घटना की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है जो शनिवार को अपनी रिपोर्ट सौपेंगी। समीति में अस्पताल के उपाधीक्षक, नर्सिंग अधीक्षक और मुख्य चिकित्सा अधिकारी शामिल हैं। घटना के बाद वार्ड में उपस्थित सभी लोगों के बयान लिए जा रहे हैं और कहा जा रहा है कि मृतक के परिजन कमेटी को कोई जवाब नहीं दे रहे हैं।
मरीज के परिजनों पर दुर्व्यवहार का आरोप
अस्पताल में तैनात कर्मचारियों का कहना है कि मरीज के परिजनों ने कूलर चलाने के लिए कोई अनुमति नहीं ली थी जिससे मरीज की मौत हो गई। इतना ही नहीं परिजनों पर मेडिकल स्टॉफ के साथ दुर्व्यवहार करने का भी आरोप लगा है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही कमेटी की रिपोर्ट भी सामने आने की संभावना है।
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