Free Treatment : राजकीय चिकित्सा संस्थानों में अब निःशुल्क ओपीडी एवं आईपीडी सेवा शुरू होगी। अप्रैल महीने में इस व्यवस्था का ड्राय रन होगा। इसमें क्रियान्वयन में आने वाली समस्याएं चिह्नित की जाएंगी व उनका समाधान होगा। योजना की औपचारिक शुरुआत 1 मई से होनी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के सभी श्रेणी के राजकीय चिकित्सा संस्थानों की ओपीडी एवं आईपीडी सुविधाएं पूरी तरह से लोगों के लिए निःशुल्क करने की घोषणा की थी। ताकि लोगों को बिना पैसा खर्च किए बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके। चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि, अब योजना को मूर्त रूप दिया जा रहा है।
चिकित्सा मंत्री के मुताबिक, एक अप्रैल यानी आज से राजकीय चिकित्सा संस्थानों में ओपीडी एवं आईपीडी में रजिस्ट्रेशन के लिए भी शुल्क नहीं लगेंगे। राजकीय चिकित्सा संस्थानों में ओपीडी में आने वाले और आईपीडी में भर्ती मरीजों को समस्त दवाइयां एवं राजकीय चिकित्सा संस्थानों में जांच निःशुल्क की जाएंगी।
अस्पताल के दवा केंद्र में उपलब्ध दवाइयां भी लिखी जाएंगी
स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि, राजकीय चिकित्सालयों में कार्यरत डॉक्टर को यह सुनिश्चित करना है कि मरीजों को चिकित्सालय के दवा वितरण केंद्र में उपलब्ध दवा लिखी जाए। उन्होंने बताया कि, विशेष परिस्थिति में जरूरी होने पर अन्य दवा नियमानुसार क्रय कर रोगी को उपलब्ध कराई जाएगी। मंत्री ने बताया कि, पीपीपी मोड पर विभिन्न राजकीय चिकित्सालयों में संचालित सुविधाएं जैसे सीटी स्कैन, एमआरआई एवं डायलिसिस आदि भी रोगियों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी।
मरीजों के आधार कार्ड की होगी जांच, ताकि स्थानीय को ही मिले लाभ
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि, इसके लिए संबंधित पीपीपी पार्टनर को उनके द्वारा रोगी से लिया जाने वाला शुल्क संबंधित चिकित्सा संस्थान द्वारा भुगतान किया जाएगा। इसके लिए आवश्यक बजट उपलब्ध कराया जाएगा। यह सुविधा प्रदेश के सभी लोगों के लिए मुफ्त उपलब्ध रहेगी, लेकिन दूसरे राज्य से आने वाले मरीजों से नियमानुसार शुल्क लिया जाएगा। मंत्री ने ने बताया कि, मरीज के प्रदेशवासी होने प्रमाण के रूप में उनका आधार कार्ड या अन्य मान्य दस्तावेज लिए जाएंगे।
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