Ramdev Fair 2022: राजस्थान के इस मेले में दंडवत करते पहुंचते हैं श्रद्धालु, जानें- कब तक चलेगा?

Rajasthan: बाबा रामदेव की समाधि स्थली प्रदेश के जैसलमेर जिले के रामदेवरा में श्रद्धा का सैलाब उमड़ने लगा है। सोमवार को बाबा की समाधि पर स्वर्ण मुकुट स्थापना के साथ ही शुरू हुआ ये मेला भाद्रपद की दसवीं तिथि तक चलेगा।

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राजस्थान के बाबा रामदेव मेले में दंडवत करते पहुंचते हैं श्रद्धालु  |  तस्वीर साभार: Facebook
मुख्य बातें
  • लोक देवता बाबा रामदेव का 638 वां मेला भाद्रपद की द्वितीय तिथि से लगा
  • दो साल बाद बाबा के मेले में भक्तों का कारवांं जुटा
  • 3 हजार पुलिस जवान तैनात किए गए

Rajasthan: राजस्थान में सांप्रदायिक सौहार्द की नजीर हर जन की आस्था के केंद्र लोक देवता बाबा रामदेव का 638 वां मेला भाद्रपद की द्वितीय तिथि से लगा है। बाबा रामदेव की समाधि स्थली प्रदेश के जैसलमेर जिले के रामदेवरा में श्रद्धा का सैलाब उमड़ने लगा है। कोरोना महामारी के दौरान सब कुछ लॉक हुआ तो यहां आने वाले भक्तों की भीड़ पर भी ब्रेक लग गया। अब सब कुछ पटरी पर लौटा है तो दो साल बाद बाबा के मेले में भक्तों का कारवांं जुटा है। इस बार उमड़ी अथाह भीड़ को देखते हुए मेले में करीब 35 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का दावा किया जा रहा है।

सोमवार को बाबा की समाधि पर स्वर्ण मुकुट स्थापना के साथ ही शुरू हुआ ये मेला भाद्रपद की दसवीं तिथि तक चलेगा। इस वक्त रामदेवरा की गलियां हाथों में पताका थामे भक्तों की भीड़ से गुलजार है। हर एक बंदे की जुबां पर खम्मा घणी जी रूणीचा रा धणिया... सरीखें गीत हैं। मेले में जुटी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 3 हजार पुलिस जवान तैनात किए गए हैं।  इसके अलावा जिला प्रशासन की ओर से चिकित्सा, पेयजल, बिजली, सफाई व्यवस्था सहित तमाम तरह की व्यवस्थाएं की गई हैं। इस बार मेले में हर गतिविधि की निगरानी को लेकर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

तालाब पर तैराक तैनात

बाबा रामदेव के मेले में आने वाले भक्तों की सुविधा को लेकर ग्राम पंचायत की ओर से भी खासा इंतजाम किए गए हैं। जिसमेंं सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है। रामदेवरा में राम सरोवर तालाब पर तैराक तैनात किए गए हैं। मेले को लेकर डीएम टीना डाबी व एसपी भंवर सिंह नाथावत भी लगातार फीडबैक ले रहे हैं। आपको बता दें कि, आस्था के इस संगम में रामदेवरा फांटा से मंदिर तक कि 9 किमी लंबे मार्ग में जगह- जगह इलाके के लोग यहां दूर - दराज से आने वाले लोगों की सेवा कर रहे हैं। कई स्थानों पर शिविर लगाए गए हैं। जिनमें लोग चाय, नाश्ता, खाना व इलाज तक कर रहे हैं। 

दो साल बाद लौटी चेहरों पर मुस्कान

कोविड महामारी के चलते थार के रेगिस्तान इलाके में रोजगार का एकमात्र जरिया दो साल तक बंद रहा। अब फिर से यहां भक्तों की भीड़ जुटने लगी है तो लोगों के घरों में चुल्हे फिर से सुलगने लगे हैं। रामदेवरा में भाद्रपद महीन में मेला लगने के साथ ही कई प्रदेशों के लोगों के लिए रोजगार की राह सुगम हुई है। वहीं स्थानीय लोगों के चेहरों पर मुस्कान लौटने लगी है। आपको बता दें कि, मेले के दौरान मंदिर से लेकर दो किमी की दूरी तक अस्थाई बाजार लगता है। वहीं मेले में प्रदेश सहित गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, हरियाणा व यूपी से लाखों श्रद्धालु  बाबा के दर पर शीश नवाने आते हैं। 


 

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