जयपुर: राजस्थान में जारी राजनीतिक रस्साकशी के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार शाम को एक बार फिर राजभवन पहुंचे और राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। यह मुलाकात लगभग 45 मिनट चली। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस दौरान गहलोत ने दावा किया कि उनकी सरकार के पास 102 विधायकों का समर्थन है। गहलोत ने 102 विधायकों की सूची भी राज्यपाल को सौंपी। हालांकि राजभवन के प्रवक्ता ने इसे शिष्टाचार भेंट बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस संक्रमण महामारी से निपटने के लिए उठा जा रहे कदमों की जानकारी राज्यपाल को दी।
बीटीपी के दो विधायकों ने दिया समर्थन
इससे पहले पायलट गुट को उस समय झटका लगा जब भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दोनों विधायकों ने राज्य की अशोक गहलोत सरकार को समर्थन देने की सार्वजनिक तौर पर घोषणा की। राज्य के मौजूदा राजनीतिक संकट के बीच इन विधायकों ने पहली बार खुलकर यह बात कही है। बीटीपी के विधायकों, राजकुमार रोत एवं रामप्रसाद ने यहां कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की। इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘बीटीपी के दोनों विधायकों ने उनकी प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के साथ मुलाक़ात कर और अपने मांगपत्र के साथ चर्चा कर सरकार को समर्थन देने की घोषणा की।’
लगातार बदल रहा है सियासी घटनाक्रम
दरअसल राजस्थान में चल रहे सियासी नाटक में हर रोज नया मोड़ नजर आ रहा है। शुक्रवार को स्पीकर के नोटिस पर पायलट गुट ने हाईकोर्ट का रूख किया। हाईकोर्ट ने पायलट गुट को फौरी राहत देते हुए स्पीकर के मंगलवार यानि 21 जुलाई शाम साढ़े पांच बजे तक किसी भी तरह की कार्रवाई करने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद आज खबर आई कि पायलट गुट के विधायक मानेसर से बेंगलुरु में शिफ्ट कर गए हैं। जिस बीटीपी के दो विधायकों ने आज समर्थन का ऐलान किया है इन्हीं का एक वीडियो कुछ दिन पहले सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। जिसमें पुलिसवाले उनकी गाड़ी से चाबी निकाल रहे थे। लेकिन अब उन्हीं विधायकों ने सरकार को समर्थन देने का ऐलान किया है।
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