नई दिल्ली। राजनीति में आरोप और प्रत्यारोप लगाए जाते हैं। लेकिन उसका मकसद आमतौर पर जनता से जुड़ा होता है। लेकिन राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के बयान से ऐसा लगता है कि उन्हें अपने सरकार पर संकट नजर आ रहा है। हाल ही में राज्यसभा चुनाव के दौरान जिस तरह से विधायकों को रिसार्ट में रखा गया उस समय भी कांग्रेस की तरफ से आरोप लगाए गए। लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग है।
'बीजेपी की नजर में एक विधायक की कीमत 25 करोड़'
अशोक गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार को गिराने के लिए प्रति विधायक का सौदा 25 करोड़ में किया जा रहा है। 10 करोड़ एडवांस में देने का वचन है तो 15 करोड़ सरकार के गिरने के बाद देने का वादा किया गया है और इसके लिए दो लोग सतीश पूनिया और राज्यवर्धन सिंह राठौर शिद्दत से कोशिश कर रहे हैं। सौदेबाजी का वादा कर ये लोग विधायकों पर डोरे डाल रहे हैं।
'कौन नहीं बनना चाहता है सीएम'
गहलोत कहते हैं कि सीएम कौन नहीं बनना चाहता है। जहां तक हमारे पक्ष की बात है 5 से सात लोग योग्य और समर्थ हैं लेकिन सीएम तो कोई एक ही बन सकता है। जब एक शख्स सीएम बन जाता है तो दूसरे लोग शांत हो जाते हैं। बीजेपी पर हमला बोलते हुए गहलोत ने कहा कि पहले वो लोग कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते थे लेकिन अब कांग्रेस से भयभीत हैं राजस्थान में सरकार स्थाई है और कार्यकाल पूरा करेगी। हम तो अगले चुनाव को जीतने की तैयारी में जुटे हुए हैं।
अब बीजेपी अलग तरह की कर रही है राजनीति
राजस्थान के सीएम कहते हैं कि एक तरफ तो हम कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं लेकिन बीजेपी की तरफ से अलग तरह की जंग शुरू की गई है। सरकार को गिराने की साजिश जारी है। इस तरह की बातें वाजपेयी सरकार के समय नहीं थी। ये बात अलग है कि 2014 के बाद अलग तरह की राजनीति शुरू हो चुकी है। बीजेपी को धर्म और संप्रदाय के नाम पर राजनीति करने में अभिमान महसूस होता है।
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