जयपुर: राजस्थान में कोरोना के साथ-साथ टिड्डियों का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पाकिस्तान से टिड्डीदल का लगातार भारत में आना जारी है। राजस्थान का सीमावर्ती जैसलमेर जिला इससे सबसे ज्यादा प्रभावित है। जैसलमेर को रविवार को साढ़े ग्यारह घंटे कीटनाशकों का छिड़काव करके टिड्डी मुक्त करने की कोशिश की गई थी लेकिन सोमवार को ही प्रशासन की इस मेहनत पर पानी फिर गया।
मंगलवार को जैसलमेर की पोखरण तहसील के निकट रामदेवड़ा में टिड्डीदल नजर आया। जैसलमेर और उसके आसपास के इलाके के स्थानीय लोगों को टिड्डियों की वजह से लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। टिड्डीदल किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहा है। टिड्डीदल पर लगाम लगाने की प्रशासन लगातार प्रभावशाली कोशिश कर रहा है।
जैसलमेर में पदस्थ टिड्डी नियंत्रण अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि मौजूदा टिड्डीदलों को नियंत्रित करने की पुरजोर कोशिश की जा रही है। साथ जून और जुलाई के महीने में होने वाले संभावित हमलों के लिए भी तैयारी की जा रही है। इसके लिए विदेश से आयात किए उपकरणों की पहली खेप हमें जून तक हमें मिल जाएंगी इसके बाद बाकी का सामना जुलाई तक आ जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि फिलहाल ड्रोन के उपयोग से राज्य में कीटनाशकों का छिड़काव किया जा रहा है अगर जरूरत पड़ी तो भविष्य में इस काम के लिए हैलीकॉप्टर का इस्तेमाल भी किया जाएगा।
पाकिस्तान से आए टिड्डी दल ने राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और मध्यपदेश में प्रवेश करके सब्जियों और कपास की खेती को नुकसान पहुंचाया। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने भी अपने बयान में कहा था कि टिड्डी दल के हमले से सबसे ज्यादा प्रभावित राजस्थान हुआ है।
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