जयपुर : राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राज में उर्वरक की मारामारी मचने लगी हैं। खरीफ फसलों का सीजन शुरू होते ही उर्वरक (खाद) की मांग बढ़ गई है और इसके साथ ही उर्वरकों की कालाबाजारी भी होने लगी है। बताया जा रहा है कि खाद राजस्थान की सीमा से मध्य प्रदेश पहुंच रहा हैं। दिन में डीलर्स के यहां व सोसाइटियों के बाहर किसानों का जमावड़ा देखने को मिल रहा है। आरोप है कि रात के अंधेरे में उर्वरक राजस्थान में गहलोत के राज से मध्य प्रदेश में पहुच रहा हैं। किसानों को हो रही खाद की किल्लत और उसकी कालाबाजारी पर 'टाइम्स नाउ नवभारत' की रिपोर्ट सामने आने के बाद राजस्थान की गहलोत सरकार की नींद खुली है और उसने कार्रवाई की है।
रात में राजस्थान के इटावा- खातौली कस्बों के डीलर मध्यप्रदेश के किसानों को खाद पहुंचा रहे हैं। अंधेरे में खाद से लोड ट्रैक्टर ट्रालियां राजस्थान से मध्य प्रदेश जा रही हैं। बुआई का समय नजदीक है लेकिन किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है, इससे किसान काफी परेशान हैं। किसानों की शिकायत के बाद राज्य सरकार हरकत में आई।
शिकायत सही मिलने पर सम्भागीय आयुक्त के निर्देश पर कोटा कृषि विस्तार विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ रामावतार शर्मा के सुपरविजन में कार्रवाई हुई है। राजस्थान में किसानों के हक का डीएपी व अन्य खाद उर्वरक मध्य प्रदेश के किसानों को बेचने के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। कोटा जिले के खातौली के तीन उर्वरक विक्रेताओं के लाइसेंस 7 दिनों के लिए निलंबित हुए हैं। निलंबन के दौरान उर्वरक विक्रेता अपने यहां से किसी भी प्रकार का उर्वरक नहीं बेच सकेंगे।
इस पूरे मामले में कृषि विस्तार विभाग कोटा के संयुक्त निदेशक डॉ. रामावतार शर्मा ने बताया कि शिकायत मिली थी कि कोटा जिले के खतौली से उर्वरक एमपी भेजी जा रही है। किसान संघ की शिकायत पर जांच कमेटी ने इसका परीक्षण किया। जांच में तीन डीलर्स की ओर से एमपी के किसानों को खाद देने की बात सामने आई।
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