Kanpur Murder Case: उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में हुई कारोबारी पारस गुप्ता की हत्या के मामले में जीआरपी की लापरवाही सामने आ रही है। आरोप है कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद भी जीआरपी पुलिस ने रिपोर्ट दबाए रखी। यह भी आरोप है कि जीआरपी पुलिस ने ना तो शव की शिनाख्त कराने का प्रयास किया था और ना ही हत्या के मामले में मुकदमा दर्ज किया था। अब जीआरपी पुलिस पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार 25 मई को कारोबारी पारस गुप्ता लापता हो गए थे। परिजनों ने उनकी काफी तलाश करने के बाद गुमशुदगी दर्ज कराई थी। लेकिन गुमशुदगी दर्ज करने के बाद हरबंस मोहाल पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। वहीं पीड़ित परिजन फॉरेंसिक टीम से मिले तो उन्हें पता चला कि जिस दिन पारस लापता हुए थे, उसके दूसरे दिन ही सेंट्रल स्टेशन जीआरपी थाना क्षेत्र में कारोबारी पारस गुप्ता का शव पड़ा मिला था।
अब जांच में खुलासा हुआ है कि जीआरपी पुलिस ने कारोबारी पारस गुप्ता का अज्ञात में पोस्टमार्टम कराया था। बड़ी बात यह है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पारस गुप्ता की हत्या की पुष्टि हुई थी। वहीं गुरुवार को जब कमिश्नरी के अधिकारियों को घटना की जानकारी मिली तो हरबंस मोहाल थानेदार और एक दरोगा को निलंबित कर दिया गया। अब इस मामले में हत्या की धारा जोड़ते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है।
कारोबारी पारस गुप्ता की हत्या का खुलासा होने के बाद जीआरपी पुलिस सवालों के घेरे में आ गई है। कानूनी नियम के तहत जब भी कोई लावारिस शव मिलती है तो 72 घंटे बाद उसका पोस्टमार्टम कराया जाता है। अगर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि होती है तो अज्ञात में केस दर्ज किया जाता है। फिर इसके बाद पुलिस सब की शिनाख्त करने के प्रयास में जुट जाती है। लेकिन जीआरपी पुलिस ने ऐसा नहीं किया इसलिए वह सवालों के घेरे में आ गई है। उधर पीड़ित परिजन भी जीआरपी पुलिस पर लगातार आरोप लगा रहे हैं।
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