IIT Kanpur: उत्तर प्रदेश के आईआईटी कानपुर में देश का सबसे बड़ा माइक्रोस्कोप साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड ने 30 करोड़ रुपये के सहयोग से नीदरलैंड से मंगवाया गया है। यह माइक्रोस्कोप इतना बड़ा है कि, इसके लिए नई बिल्डिंग बनवाने की तैयारी भी पूरी की जा चुकी है। अभी माइक्रोस्कोप को आईआईटी संस्थान की हवाई पट्टी के पास एडवांस इमर्जिंग सेंटर में रखा गया है। इसको माइक्रोस्कोप क्रायो इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप कहा जाता है, जिसके द्वारा प्रोटीन की सिग्नलिंग करवाई जा सकती है।
आईआईटी कानपुर में इस माइक्रोस्कोप को आईआईटी कानपुर की लैब में स्थापित करने में लगभग एक महीना का समय लगेगा। इस माइक्रोस्कोप की मदद से दवाओं के साइड इफेक्ट का पता लगाने से लेकर सटीक रिसर्च की जा सकेगी। इसके व्दारा मानव शरीर पर होने वाले दवाओं के साइड इफेक्ट से बचाने के लिए शोध करके दवाओं को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा। अभी इस माइक्रोस्कोप को आईआईटी के एडवांस इमर्जिंग सेंटर में रखा गया है। यह भवन पूरी तरह वाइब्रेशन फ्री होगा।
आईआईटी कानपुर के बॉयोसाइंस एंड बॉयोइंजीनियरिंग विभाग के प्रो. अरुण शुक्ला ने कहा कि, मरीजों पर कई बार दवाएं साइड इफेक्ट करती हैं। मरीजों को अगर एक बीमारी को ठीक करने के लिए दी जाने वाली दवा दूसरे अंगों को प्रभावित करती हैं। जिससें मरीजों को तरह-तरह की दिक्कतें आने लग जाती है। अभी तक देश में होने वाली दवाओं के साइड इफेक्ट का पता लगाने के लिए दूसरों देशों का सहयोग लेना पड़ता था। अब माइक्रोस्कोप की मदद से यह सुविधा आईआईटी कानपुर में मिलेगी। जिससें दवाओं से होने वाली साइड इफेक्ट का पता लगाया जा सकेगा।
प्रो. शुक्ला ने कहा कि, इस माइक्रोस्कोप मशीन से देशभर के संस्थानों को भी रिसर्च करने का मौका मिलेगा। इस मशीन के माध्यम से नई दवाओं को खोजने में मदद मिलेगी और जिसकी कीमत भी कम होगी। यह माइक्रोस्कोप लगभग 10 टन का है। वैसे अभी मशीन को खोला नहीं गया है, इस मशीन को स्थापित करने में लगभग एक महीने से अधिक का समय लगेगा।
साइड इफेक्ट के बारे में सटीक जानकारी देने वाली मशीन क्रायो इलेक्ट्रान माइक्रोस्कोप को साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड के सहयोग से मंगाया जा चुका है। अधिकतर लोगों का किडनी, लिवर, फेफड़े, दिल में समस्या होने पर प्रोटीन की दिशा खराब हो जाया करती है। इस माइक्रोस्कोप के सहयोग से प्रोटीन की स्थिति पता चल सकेगी। इसकी रिपोर्ट के अनुसार, रासायनिक परिवर्तन कराने से सटीक दवाएं बनाई जा सकेंगी। इस मशीन में -180 डिग्री सेल्सियस तक तापमान रखने की सुविधा उपलब्ध होगी।
Kanpur News in Hindi (कानपुर समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharatपर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।