Kanpur IIT News: उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर की ध्वस्त ट्रैफिक व्यवस्था और वायु प्रदूषण पर काबू करने में अब आईआईटी तकनीक के माध्यम से प्रशासन की मदद करेगा। संस्थान के वैज्ञानिकों की टीम और स्टार्टअप इन समस्याओं पर एनालिसिस कर समाधान तलाशेगी। आइडिया बेहतरीन हुआ तो संस्थान संग प्रशासन भी तकनीक विकसित करने में मदद करेगा। इसकी शुरुआत जल्द ही पायलट प्रोजेक्ट के तहत शहर में की जाएगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के वैज्ञानिक और स्टार्टअप लगातार शोध के माध्यम से नई तकनीक विकसित कर रहे हैं, इससे कई दिक्कतों का समाधान हो रहा है।
कानपुर के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने कुछ समय पहले आईआईटी का दौरा किया था और विकसित नई तकनीक, नए स्टार्टअप, सी3आई लैब देखने के साथ वैज्ञानिकों से लंबी चर्चा की थी।
अफसरों ने शहर की दो प्रमुख समस्याओं ट्रैफिक मैनेजमेंट और प्रदूषण को लेकर मंथन किया था तभी से तकनीक के माध्यम से इन दोनों समस्याओं का हल तलाशने का प्रयास चल रहा था। संस्थान के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर के साथ प्रशासनिक अफसरों की कई बिंदुओं पर चर्चा हुई थी। इसी के आधार पर निदेशक ने वैज्ञानिकों व स्टार्टअप की टीम को चैलेंज देकर कानपुर का ट्रैफिक मैनेजमेंट और प्रदूषण कंट्रोल करने की तकनीक विकसित करने को कहा है। टीम ने काम शुरू कर दिया है। प्रो. करंदीकर के मुताबिक जल्द ही आईआईटी की तकनीक से दोनों समस्याएं निस्तारित होंगी।
दूसरी ओर, आईआईटी कानपुर में एक ऐसी वाटर टेस्टिंग किट तैयार की गई है जो यह बताएगी कि आपके घर का पानी शुद्ध है या नहीं। पृथ्वी विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक प्रो. इंद्रशेखर सेन ने इस किट को विकसित किया है। ई-कोलाई किट पानी में ह्यूमन वेस्ट और कैटल वेस्ट का पता लगाएगी। साथ ही पानी की शुद्धता की सटीक जानकारी आपको पता चल सकेगी। ई-कोलाई किट की कीमत 199 रुपये है। जिसमें दो किट शामिल है। एक किट की कीमत 100 रुपये से भी कम है, हालांकि इसे अभी और कम दामों में बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा। यह किट जल्द ही जेम पोर्टल के अलावा ऑनलाइन वेबसाइट पर भी मिलनी शुरू हो जाएगी।
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