Kanpur News: कानपुर के बर्रा में एक चोरी के मामले में पीड़ित ने खुद चोर को दबोचकर बर्रा पुलिस के हवाले में कर दिया। लेकिन पीड़ित का आरोप है कि, बर्रा पुलिस ने शातिर चोरों को जेल भेजने की बजाए उन्हें छोड़ दिया। वहीं चोरी का माल खरीदने वाले सर्राफ व्यापारी से भी रकम लेकर उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड से की, तो कमिश्नर ने पूरे मालमे पर जांच बैठा दी है। क्राइम ब्रांच मामले की जांच करेगी। रिपोर्ट के आधार पर मामले में कार्रवाई होगी।
कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र के निवासी कौशलेंद्र सिंह ने कहा कि, 29 जून को चोर उनके घर का ताला तोड़कर लाखों के जेवरात और कैश चोरी कर ले गए थे। 30 जून को कौशलेंद्र की पत्नी अमीषा घर पहुंची तो मेन गेट का ताला टूटा मिला और अंदर जाने पर भी आलमारी का लॉकर और बक्सों में रखे जेवरात गायब थे। अमीषा ने इसकी सूचना पति, पड़ोसियों और बर्रा थाना पुलिस को दी। बर्रा पुलिस ने मामले की जांच करके एफआईआर दर्ज की और शांत बैठ गई।
पीड़ित कौशलेंद्र ने आगे बताया कि, उससे रहा नहीं गया और वह चोरी वाली रात का सीसीटीवी फुटेज देखा तो दंग रह गया। स्कूटी और बाइक सवार चार शातिर उसके घर पर चोरी करने पहुंचे थे। कौशलेंद्र ने सीसीटीवी से मिले फुटेज में दिख रहे चोरों का फोटो गलियों में लगा दिया और लोगों से शिनाख्त की अपील की। वहीं 1 जुलाई को मिली सूचना के आधार पर कौशलेंद्र ने खुद शातिर चोर कर्रही निवासी रघुराज को दबोच लिया। इसके बाद शिवली रोड निवासी अमन और मसवानपुर के अमित को पकड़ बर्रा पुलिस को सौंपा दिया था। कौशलेंद्र के अनुसार दूसरे दिन पुलिस ने बताया कि, रघुराज व अमन फरार हो गए हैं।
कौशलेंद्र ने कहा कि, कार्रवाई का भरोसा दिलाकर बर्रा थाना प्रभारी 12 दिनों तक शातिर चोर अमित से पूछताछ करते रहे। इस बीच जब कौशलेंद्र ने डीसीपी से शिकायत की तो पहले अमित और फिर राघुराज को जेल भेज दिया गया। अमन और एक अन्य आरोपी का पता नहीं चला सका है। कौशलेंद्र सिंह का आरोप है कि पुलिस ने चोरों से 40 ग्राम सोना बरामद किया था जो गायब कर दिया। इसमें बर्रा इंस्पेक्टर दीनानाथ मिश्रा और पवन मिश्रा की भूमिका बताई जा रही है। चोरी का माल खरीदने वाले सर्राफ व्यापारी के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। आरोप है कि, सर्राफ व्यापारी से घूस लेकर पुलिस ने उसे छोड़ दिया गया।
पीड़ित की सुनवाई चौकी, थाना, एडीसीपी और डीसीपी के यहां नहीं होने पर बुधवार को पीड़ित कौशलेंद्र ने पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड से मिलकर पूरे मामले की शिकायत की है। पुलिस कमिश्नर ने मामले में जांच बैठा दी है। क्राइम ब्रांच पूरे मामले की जांच करके अपनी रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर को सौंपेगी।
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