कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड की एसआईटी रिपोर्ट पर सरकार जल्दी ही बड़ी कार्रवाई कर सकती है, बताते हैं कि इस रिपोर्ट में कई विभाग जिनमें पुलिस, प्रशासन, राजस्व जैसे महकमे हैं उनके कई अधिकारियों पर विकास दुबे का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष साथ देने के मामले में कड़ी कार्रवाई हो सकती है।एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक इन विभागों के अफसरों ने गैंगस्टर विकास दुबे की गतिविधियों पर चुप्पी साधे रखी साथ ही उसे बढ़ावा भी दिया।
यूपी शासन के अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में प्रशासन के भी कई अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है। साल 1990 से 2020 तक के विकास दुबे के सफर में उसे संरक्षण देने वाले अफसरों की इसमें पहचान की गई है।
बताते हैं कि एसआईटी ने कानपुर तत्कालीन एसएसपी और एएसपी ग्रामीण के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की है साथ ही एसईटी ने कानपुर नगर के एक पूर्व पुलिस क्षेत्राधिकारी को भी लापवाही का दोषी पाया है वहीं लखनऊ में तैनात एक इंस्पेक्टर के खिलाफ भी कार्रवाई की संस्तुति की है।
बीजेपी सरकार में राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या के बाद 2004 में विकास दुबे का असलहा लाइसेंस निरस्त किया गया था, लेकिन 2020 तक पुलिस विकास दुबे का असलहा जमा नहीं करवा पाई, यहां तक कि चुनावों के दौरान भी इस गैंग के असलहे जमा नहीं कराए गए ये भी बड़ी लापरवाही सामने आ रही है।
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