IIT Kanpur: बिजली की कितनी जरूरत है, किस क्षेत्र में कितने लोड की जरूरत है और आने वाले समय में बिजली लोड की कितनी जरूरत पड़ेगी, जैसी अनेक जानकारी अब पलभर में मिलेंगी। बिजली गुल होते ही कुछ पल में सप्लाई चालू हो जाएगी। यह जानकारी आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने केस्को, स्काडा समेत विभिन्न बिजली कंपनियों के प्रतिनिधियों को दी। दरअसल, बिजली सप्लाई में एडवांस सिस्टम पर शोध चल रहा है। भविष्य में सभी सब स्टेशन, सब डिवीजन के उपकरण स्मार्ट होंगे, जिससे फाल्ट व अन्य गड़बड़ियां जल्द पता चल जाएंगी।
आईआईटी भी कई सेंसर विकसित कर रहा है, जिससे बिजली आपूर्ति कम बाधित होगी। यह जानकारी आईआईटी में इंटेलीजेंट पावर ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम पर हुई कार्यशाला में ट्रेनिंग कोआर्डिनेटर प्रो.अंकुश शर्मा ने केस्को, स्काडा समेत विभिन्न बिजली कंपनियों के प्रतिनिधियों को दी।
प्रो. शर्मा ने कहा कि लोड अधिक या कम का आकलन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस व मशीन लर्निंग से किया जा सकेगा। तकनीकी खराबी का भी जल्द पता चल सकेगा। 22 मई तक चलने वाली कार्यशाला में आईआईटी गुवाहाटी, खड़गपुर, त्रिची, रोपर, केस्को, स्काडा व बिजली कंपनियों के अधिकारी शामिल हुए। कार्यशाला में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। बताया गया कि बिजली कम मिलने पर कटौती की जाती है, ऐसे में इसका आंकलन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग से होगा। पुराने आंकड़ों की जरूरत होगी।
सेंसर से अधिकतम आधे घंटे ही बिजली आपूर्ति ही बाधित रहेगी।
आपको बता दें कि आईआईटी कानपुर में आने वाले समय में सब स्टेशन और सब डिवीजन के उपकरण स्मार्ट हो जाएंगे। फॉल्ट, गड़बड़ी और अन्य तकनीकी खराबियों की जानकारी खुद ही पता लग जाएगी। इसके अलावा कई सेंसर आईआईटी कानपुर विकसित कर रहा है, इन सेंसर से अधिकतम आधे घंटे ही बिजली आपूर्ति बाधित रहेगी। गर्मी के मौसम में लोड की समस्या विकराल रूप ले लेती है। कंपनियों पर भी सप्लाई के लिए अतिरिक्त लोड बढ़ता है। कार्यशाला का उद्घाटन डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रो. एआर हरीश, डीन रिसोर्स एंड एलुमनी प्रो. कांतेश बलानी, प्रो. एससी श्रीवास्तव ने किया।
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