कानपुर : गैंग्स्टर विकास दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद पुलिस अब उसके काले कारनामों का भंडाफोड़ करने में लगी है। उसके कई साथियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। वहीं दुबे के कई साथियों की पुलिस को अब भी तलाश है। इसके लिए पुलिस ने उनपर आर्थिक रुप से शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
खबर है कि यूपी पुलिस अब डॉन विकास दुबे और उसके साथियों के बैंक अकाउंट के डिटेल्स पैसों के ट्रांसजैक्शन संबंधी सारी जानकारियां इकट्ठी कर रही है ताकि उनके आधार पर उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जा सके। गैंग्स्टर विकास दुबे और उसके साथियों के द्वारा पिछले 10 सालों में वसूली, प्रॉपर्टी लूट में जमा की गई काली कमाई और पैसों के ट्रांजैक्शन को खंगाल रही है।
कानपुर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विकास दुबे, उसके परिवार और उसके साथियों का बैंक डिटेल्स और ट्रांसजैक्शन एक बार खंगाल लिया जाए उसके बाद गैंग्स्टर एक्ट के तहत उनके खिलाफ एक केस दर्ज कर लिया जाएगा साथ ही उनकी सारी संपत्तियों की कुर्की जब्ती की जाएगी।
उन्होंने बताया कि हम जांच कर रहे हैं कि विकास दुबे और उसके साथियों ने किस तरह अवैध तरीके से कमाए गए पैसों से अपना आलीशान साम्राज्य स्थापित किया था। सारे सबूत इकट्ठे करने के बाद इसे जांच एजेंसी को सौपी जाएगी।
जब दुबे के प्रॉपर्टी और निवेश की जांच शुरू की गई तो हैरान करने वाली ये बात सामने आई कि विकास दुबे 90 लाख से 1.20 करोड़ रुपए प्रति महीना कमाता था। सूत्रों के मुताबिक विकास दुबे और उसका फायनांसर जयकांत बाजपेई के कानपुर, उत्तराखंड, मुंबई और नोएडा में दो दर्जन से ज्यादा प्लॉट और मकान थे। इसके अलावा जयकांत बाजपेई का दुबई में और बैंकॉक में 25-25 करोड़ का एक-एक बंगला भी था।
स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने इस बीच जिला रजिस्ट्री डिपार्टमेंट को विकास से जुड़े सभी 64 लोगों के डिटेल्स मांगे हैं। एसआईटी इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या दुबे और उसके साथियों ने लोकल अधिकारियों से सांठगांठ कर सरकारी संपत्ति को भी हड़पने का काम तो नहीं किया था।
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