Kanpur Police: वसूली के आरोप में सिपाही लाइन हाजिर, लेकिन स्वतंत्रता दिवस पर मिला सराहनीय कार्य का सम्मान

Kanpur Police: कानपुर में पुलिस का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां पर उच्‍च अधिकारियों द्वारा स्वतंत्रता दिवस समारोह में एक ऐसे पुलिसकर्मी को सराहनीय कार्य के लिए सम्‍मान दे दिया गया जिस पर जबरन वसूली का आरोप है। पूरा मामला सामने आने के बाद अब पुलिस ने जांच के आदेश दिए हैं।

Kanpur Police
स्वतंत्रता दिवस समारोह में सम्‍मानित हुआ लाइन हाजिर पुलिसकर्मी (प्रतीकात्मक तस्वीर)  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • हेड कांस्‍टेबल पर है कारोबारी से जबरन वसूली का आरोप
  • केस में फंसाने की धमकी देकर आरोपी ने मांगे थे एक लाख रुपये
  • जांच के बाद लापरवाही बरतने वाले पर की जाएगी कार्रवाई

Kanpur Police: कानपुर पुलिस में एक अजब-गजब मामला सामने आया है। यहां के कर्नलगंज थाने में तैनात जिस हेड कांस्टेबल को जबरन वसूली के एक आरोप में पिछले सप्‍ताह लाइन हाजिर किया गया था, उसे ही विभाग के उच्‍च अधिकारियों द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर सराहनीय कार्य के लिए सम्मान दिया गया। आरोपी हेड कांस्टेबल प्रदीप सिंह को सम्‍मान का यह प्रशस्ति पत्र डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल द्वारा दिया गया। हालांकि पुलिस महकमे की शाख को ठेस पहुंचाने वाले इस मामले का पता चलते ही जांच शुरू हो गई है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इस मामले में जिसकी भी लापरवाही पाई जाएगी। उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि, कर्नलगंज निवासी चूड़ी कारोबारी लियाकत ने पुलिस में मामला दर्ज कराया था कि वे 26 जुलाई को अपने घर पर कुछ दोस्तों के साथ ताश खेल रहे थे। इस दौरान कर्नलगंज थाने के हेड कांस्टेबल प्रदीप सिंह, सिपाही बलवेद्र पाल, श्याम सिंह और धीरेंद्र मौके पर पहुंचे और एक लाख रुपये मांगने लगे। लियाकत ने जब पैसे देने से मना कर दिया तो पुलिसवालों ने नई सड़क बवाल मामले में जेल भेजने की धमकी दी और 40 हजार रुपये वसूलकर छोड़ दिया। पीड़ित ने इस मामले की शिकायत संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी को की थी। जिसके बाद हुई जांच में चारों पुलिसकर्मी प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए थे, जिसके कारण आरोपी हेड कांस्टेबल समेत सभी सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया गया था। इस मामले की जांच एसीपी सीसामऊ निशांक शर्मा कर रहे है।

पहले ही तैयार हो चुके थे प्रशस्ति पत्र

इस वसूली के आरोप में लाइन हाजिर चल रहे हेड कांस्टेबल प्रदीप सिंह को आजादी के अमृत महोत्सव समारोह में जब डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया तो हंगामा मच गया। कुछ अधिकारी इसे जहां घोर लापरवाही बता रहे हैं, वहीं कुछ इसे मानवीय भूल। अधिकारियों का कहना है कि, इन पुरस्कारों की घोषणा काफी पहले हो गई थी और उनके नाम पर प्रशस्ति पत्र भी तैयार कर लिया गया था। हालांकि सम्‍मान देने से पहले एक बार जांच करना जरूरी होता है। शायद सही तरह से यह जांच नहीं हुई। संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि, इस मामले की जांच की जा रही है। जिसकी भी लापरवाही मिलती है, उस पर जरूरी कार्रवाई की जाएगी।

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