Kanpur Weather Update: उत्तर प्रदेश के कानपुर में मार्च ने गर्मी का रिकार्ड तोड़ा और अप्रैल की भी गर्म शुरुआत रही लेकिन अब मौसम में फिर अचानक बदलाव आया है। हिमालय में पश्चमि विक्षोभ सक्रिय होने से आसमान में बादल छाने से तापमान में गिरावट आई है लेकिन उमस अब बेहाल कर रही है। गर्मी के चढ़ते पारे को बादलों को कुछ समय के लिए रोक दिया है। बुधवार को समूचे उत्तर प्रदेश में आसमान पर बादलों ने डेरा डाल दिया है।
सुबह से ही बादलों की आवाजाही शुरू हो चुकी है। वेस्ट यूपी में जहां बूंदाबांदी के आसार बने हुए हैं। वहीं लखनऊ, कानपुर, उन्नाव, कन्नौज, एटा, फर्रुखाबाद, झांसी समेत कई जिलों में धूल भरी आंधी चलने की संभावना है।उत्तराखंड में बारिश होने की पूरी संभावना है।
4 डिग्री तक नीचे गिरा पारा
मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि बादलों को डेरा अगले 24 घंटे तक बना रहेगा। तापमान में 3 से 4 डिग्री तक गिरावट दर्ज की जाएगी। बता दें कि मंगलवार शाम से ही बादलों की आवाजाही शुरू हो गई थी। इससे शाम को 70 प्रतिशत तक नमी हो गई थी। इससे लोगों को उमस का अहसास हुआ। कानपुर में बादल छाने से तापमान कम हुआ है। हिमालय के पास पश्चिमी विक्षोभ के आने के कारण आसमान में काफी ऊंचाई पर हल्के बादल छाए हैं।
14 अप्रैल तक रह सकती है उमस
मंगलवार की दोपहर से मौसम में अचानक बदलाव आया और बुधवार की सुबह भी बदली छाई रही। इसके चलते अधिकतम तापमान में करीब तीन डिग्री की कमी आई। हालांकि दिन में लू के साथ उमस भरी गर्मी रही। मौसम वैज्ञानिकों ने 14 अप्रैल तक उमस जारी रहने के आसार जताए हैं। मंगलवार को अधिकतम तापमान 39.6 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस रहा। हिमालय के पास पश्चिमी विक्षोभ आने के कारण तापमान में कमी आई है। पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक बादल छाए हैं। एक दिन पहले अधिकतम तापमान 42.5 डिग्री रहा था।
धूल भरी आंधी आ सकती है
हवाओं की दिशा उत्तर पश्चिम से बदलकर अब दक्षिण पूर्वी हो गई हैं। अरब सागर से नम हवाएं भी गंगा के मैदानी इलाकों में आ रही हैं। इससे वायुमंडल में गर्मी के साथ उमस हो रही है। हवा की रफ्तार मामूली रूप से कम हुई है, लेकिन लू का प्रकोप जारी है। इस मौसम की पहली धूल भरी आंधी भी 14 अप्रैल के आसपास आ सकती है। 13 अप्रैल की रात गरज के साथ बिजली चमकने की भी संभावना है। इस दौरान दिन के तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट और हो सकती है। हालांकि पसीने और उमस भरी स्थितियों में वृद्धि होगी। उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि वह फसलों में हल्की सिंचाई 10 से 12 दिन के अंतराल पर करते रहें।
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