Kanpur News: उत्तर प्रदेश की कानपुर पुलिस 100 करोड़ से अधिक की ठगी के मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। जांच में पता चला है कि चीन के ठग गिरोह में कानूनी सलाहकार और सीए-सीएस भी शामिल है। ये आरोपित सात वर्ष से ठगी की घटना को अंजाम दे रहे हैं। आपको बता दें इस मामले में कानपुर पुलिस सात आरोपियों को जेल भेज चुकी है। उत्तर प्रदेश क्राइम ब्रांच की जांच में पता चला है कि चीन से संचालित गिरोह वैसे तो करीब सात वर्ष से ठगी का काम कर रहा है, लेकिन कमोडिटी एक्सचेंज के नाम पर ठगी फिलहाल दो साल से शुरू किया हुआ है।
यह गिरोह देशभर में चार बड़े ठगी के नेटवर्क को संचालित कर रहा है। वहीं पकड़े गए आरोपितों ने कहा कि इस नेटवर्क में विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञ भी शामिल हैं। साफ्टवेयर, कानूनी सलाहकार यहां तक कि सीए और सीएस भी गिरोह में शामिल हैं। इस गिरोह का सरगना चीन के नागरिक बी बोज उर्फ वीबी है।
क्राइम ब्रांच की टीम ने 18 जुलाई को आगरा से विकास, विक्रम, नितिन सोनी, राहुल नागर को गिरफ्तार किया था। इसके बाद गिरोह के तीन और सदस्यों गुरुग्राम के यश यादव, सिद्धार्थ नगर के श्रवण यादव और बबेरू बांद निवासी अनुपम द्विवेदी को शनिवार को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों ने कहा कि गिरोह में सभी सदस्यों को अलग-अलग जिम्मेदारियां मिली हुई थीं। वहीं 18 जुलाई को पकड़े गए गिरोह के सदस्य गेम और लोन के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले नेटवर्क का हिस्सा थे। डीसीपी अपराध सलमान ताज पाटिल ने कहा कि कड़ी से कड़ी जोड़कर गिरोह के अन्य सदस्यों की धरपकड़ का प्रयास जारी है।
मास्टर माइंड वीबी लोगों को ठगने के लिए तीन तरीके अपनाता था। पहले कमोडिटी एक्सचेंज और क्रिप्टो करेंसी में निवेश के लिए इंटरनेट मीडिया पर लिंक भेजते थे। मोटी रकम आने पर वेबसाइट क्रैश कर देते हैं।दूसरा तरीका ऑनलाइन खेले जाने वाले गेम एप के जरिये। इसमें लिंक भेजकर उसकी सारी जानकारी जुटाने के बाद बड़ी रकम ट्रांसफर करा वेबसाइट क्रैश करते थे। तीसरा तरीका लाॅटरी और लोन दिलाने के नाम पर वेबसाइट से लिंक भेजकर कम समय और औपचारिकता का झांसा देकर ठगी करते थे।
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