IIT Kanpur Artificial Heart: आईआईटी कानपुर ने एक और नई पहल की है। देश में पहली बार कृत्रिम (आर्टिफिशियल) हार्ट बनाने के लिए कानपुर आईआईटी ने कदम बढ़ाए हैं। एक या दो साल के अंदर कृत्रिम हार्ट बनकर देश के सामने आ जाएगा। आईआईटी कानपुर ने रिसर्च का काम तेज कर दिया है। देश के प्रमुख अस्पतालों की सहायता से यह कार्यक्रम दुनिया के लिए मेड इन इंडिया के विजन को बढ़ावा देगा। अभी तक जिन कृत्रिम (आर्टिफिशियल) हार्ट का इस्तेमाल होता है वह बेहद महंगा होता है। उसे विदेश से आयात किया जाता है। लेकिन अगर आईआईटी कानपुर में यह कृत्रिम हार्ट तैयार हो जाता है तो इसे मील का पत्थर माना जाएगा।
दूसरी ओर, ऐसे ही आईआईटी कानपुर मरीजों की पैथोलॉजी जांचों के लिए भी सस्ती किट बनाने के लिए स्टडी कर रहा है। जल्द ही इस पर भी बड़ा अपडेट आपके सामने होगा।
आपको बता दें कि, अभी मरीजों की कई जांचें कराने के लिए दो को ढाई हजार रुपये खर्च करने पड़ते हैं, लेकिन आईआईटी इन्हीं जांच को सिर्फ 25 रुपये में कराने के लिए किट बनाने पर तेजी से कार्य में जुटा है। ऐसा अनुमान है कि, अगले साल तक कोई न कोई किट बन जाएगी और आपके सामने आ जाएगी, किट से सटीक परिणाम मरीजों को मिलेंगे। आईआईटी स्टार्टअप इंकुबेशन इनोवेशन सेंटर के सहायक प्रभारी प्रो.अंकुश शर्मा ने यह जानकारी मीडिया को दी। प्रो. शर्मा ने बताया कि, कृत्रिम हार्ट में एक करोड़ की लागत आएगी, लेकिन आईआईटी कानपुर का सेंटर इस कृत्रिम हार्ट को सुचारू रूप से लाने के लिए कार्य कर रहा है। कोशिश है कि, 10 लाख रुपये में ही कृत्रिम हार्ट बन जाए।
इससे पहले, आईआईटी कानपुर ने लद्दाख, कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश के ग्लेशियरों पर तैनात सेना के जवानों और पर्वतारोहियों को ठंड से बचाने के लिए एक वार्म हग का निर्माण किया था। यह वार्म हग विशेष रूप की इलेक्ट्रिक गर्म पट्टी है जो जैकेट पर लगती है। इस पट्टी के लगाने पर जैकेट एकदम गर्म हो जाएगी। माइनस 50 डिग्री के तापमान तक के लिए यह पट्टी मददगार होती है। आईआईटी कानपुर ने बर्फीले इलाकों में तैनात सैनिकों को ठंड से बचाने के लिए 100 ग्राम की पट्टी का निर्माण किया है। 200 एमएएच बैटरी से संचालित यह पट्टी एक बार चार्ज होने के बाद 10 घंटे तक चलती है। इसे बनाने में केवल पांच सौ रुपये का खर्च हुए हैं। पॉवर बैंक की मदद से भी इस पट्टी को चार्ज किया जा सकता है।
Kanpur News in Hindi (कानपुर समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharatपर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।