Kanpur Violence: कानपुर हिंसा पर योगी सरकार का सख्त फैसला, गैंगस्टर एक्ट से बुलडोजर तक

आखिर कानपुर को कौन अशांत करने की फिराक में था। यूपी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 18 लोगों की गिरफ्तारी की। सरकार ने साफ किया है कि जो लोग चिन्हित हुए हैं उनके खिलाफ गैंगस्टर से लेकर संपत्ति को गिराने की कार्रवाई की जाएगी।

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कानपुर को किसकी लगी नजर, जुमे की नमाज के बाद हिंसा 
मुख्य बातें
  • कानपुर हिंसा मामले में 18 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया
  • जुमे की नमाज के बाद दुकान बंद कराए जाने पर विवाद हुआ
  • दो पक्षों में जमकर ईंट पथराव और फायरिंग हुई

कानपुर में जुमे की नमाज तक शांति थी। शहर अपनी रफ्तार से आगे बढ़ रहा था। कानपुर देहात में राष्ट्रपति और पीएम के कार्यक्रम में ज्यादातर फोर्स कानपुर देहात में थी। लेकिन जुमे की नमाज के बाद माहौल तेजी से बदल गया। परेड, नयी सड़क और यतीमखाना समेत कई इलाकों में हिंसा भड़क गई।एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक जुमे की नमाज के बाद दो समुदायों के सदस्य आमने-सामने आ गए और एक-दूसरे पर ईंटों से पथराव किया। उन्होंने कहा कि इस दौरान गोलीबारी भी हुई। कथित तौर पर बाजार बंद को लेकर दो समुदायों के बीच झड़प के मद्देनजर 18 को गिरफ्तार किया गया है। कानपुर सीपी विजय मीणाउन्होंने बताया कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हाल ही में टीवी पर बहस के दौरान भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर नाराज थे और वे इलाके की दुकानें बंद कराने का प्रयास कर रहे थे।

एडीजी एल एंड ओ प्रशांत कुमार ने क्या कहा

सरकार ने इसे बहुत गंभीरता से लिया है। अतिरिक्त पुलिस बल भेजा गया। गुंडों की पहचान की जा रही है, अब तक 18 गिरफ्तार हमारे पास वीडियो फुटेज है, हम कार्रवाई करेंगे। साजिशकर्ताओं के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी और उनकी संपत्ति को या तो जब्त कर लिया जाएगा या ध्वस्त कर दिया जाएगा।कुछ लोगों ने दुकानें बंद करने का प्रयास किया। इसका दूसरे गुट ने विरोध किया। उनके बीच संघर्ष छिड़ गया। पुलिस तुरंत वहां पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। वरिष्ठ अधिकारी तुरंत वहां पहुंचे और बल प्रयोग कर स्थिति को नियंत्रित किया।

दुकानों को बंद कराने पर तनाव बढ़ा

पुलिस ने बताया कि कथित तौर पर दुकानदारों को अपने शटर बंद करने के लिए मजबूर करने वाले लोग पुलिसकर्मियों से भिड़ गए, बाद में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।अधिकारी ने कहा बताया कि एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी सहित कुछ स्थानीय नेताओं ने शुक्रवार को दुकानों को बंद करने का आह्वान किया था।

पैगंबर मोहम्मद के अपमान का जिक्र
इन नेताओं ने पैगंबर मोहम्मद के कथित अपमान के खिलाफ जुलूस निकाला था और इस दौरान वे अन्य समुदाय के सदस्यों से भिड़ गए जिसकि वजह से झड़पें हुई।उन्होंने बताया कि देखते ही देखते सैकड़ों लोग विरोध में सड़कों पर उतर आए। उन्होंने बताया कि इन झड़पों में कई लोग घायल हुए हैं जिनमें आधा दर्जन से अधिक गंभीर रूप से घायल हैं। कानपुर की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने  बताया कि 'एक समुदाय विशेष के सदस्य विरोध में सड़क पर उतर आए और हिंसा में शामिल हो गए। कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें चिकित्सा सहायता के लिए भेजा गया। प्रभावित क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि स्थिति पर कड़ी निगरानी रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं कि आगे कोई हिंसा न हो। जांच शुरू कर दी गई है और कई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक हिंसा के सही कारणों की पुष्टि नहीं हुई है।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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