लखनऊ: हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में यूपी पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। यूपी पुलिस ने गुजरात पुलिस की मदद से सूरत से 3 संदिग्धों को हिरासत में लिया। पुलिस महानिदेशक (DGP) ओपी सिंह ने शनिवार को मीडिया से कहा कि इस मामले में मिठाई का डिब्बा अहम सुराग था। इसी के आधार पर जांच की गई और संदिग्धों तक पहुंचा गया। हत्यारे मिठाई के डिब्बे में हथियार लेकर कमलेश तिवारी की हत्या करने पहुंचे थे। ये मिठाई का सूरत का था।
डीजीपी ओपी सिंह ने कहा, 'मिठाई के डिब्बे के आधार पर यूपी पुलिस ने गुजरात पुलिस से संपर्क किया और फिर एक पुलिस टीम गुजरात गई। मिठाई का डिब्बा सूरत जिले की जिस दुकान से लिया गया था, वहां आस-पास लगे सीसीटीवी के फुटेज की जांच से एक संदिग्ध फैजान यूनुस भाई की पहचान की गई। दोनों राज्यों की पुलिस के समन्वय से फैजान के साथ दो अन्य संदिग्धों मौलाना मोहसिन शेख एवं रशीद अहमद खुर्शीद अहमद पठान को भी हिरासत में लिया गया।'
ओपी सिंह ने कहा, 'प्रारंभिक पूछताछ के दौरान उन्होंने (गुजरात एटीएस द्वारा हिरासत में लिए गए आरोपियों) स्वीकार किया है कि वे इस मामले में शामिल थे। तीनों किसी न किसी रूप में इससे जुड़े हुए हैं।'
तीनों संदिग्ध मोहसिन शेख सलीम (24), फैजान (30) और खुर्शीद अहमद पठान (30) सूरत के रहने वाले हैं। इनके अलावा मौलाना अनवारुल हक और मुफ्ती नईम काजमी को भी हिरासत में लिया गया है। दो अन्य संदिग्धों को भी हिरासत में लिया गया था लेकिन उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया।
DGP ने कहा, '2015 में मृतक ने जो भड़काऊ भाषण दिया था, वो इस हत्या के पीछ एक कारण है। हमें मिली जानकारी के अनुसार, ऐसा लगता है कि यह योजनाबद्ध तरीके से किया गया।'
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