लखनऊ : विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस हिस्ट्रीशीटर के करीबियों एवं रिश्तेदारों पर अपना शिकंजा कस रही है। यूपी पुलिस अब विकास के भाई दीप प्रकाश दुबे को अपने गिरफ्त में लेना चाहती है। दीप प्रकाश के बारे में जानकारी पाने के लिए यूपी पुलिस ने 20 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। इनाम की यह रकम दीप के बारे में जानकारी देने वाले को मिलेगी। दीप बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या होने के बाद से ही फरार है। पुलिस उसे तलाश रही है लेकिन वह अभी पकड़ से बाहर है। गत दो-तीन जुलाई की रात बिकरू गांव में विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी। इसके बाद से वह फरार था।
पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद से फरार था विकास
फरार विकास की तलाश के लिए यूपी पुलिस ने करीब 60 टीमें बनाई थीं। करीब एक सप्ताह तक यूपी पुलिस एनसीआर सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में उसकी तलाश करती रही लेकिन वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा। विकास को अंतिम बार हरियाणा के फरीदाबाद में देखे जाने की बात सामने आई लेकिन इसके अगले दिन वह मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में दिखाई दिया। उज्जैन पुलिस ने मंदिर परिसर से हिस्ट्रीशीटर को गिरफ्तार किया। विकास की गिरफ्तारी की जानकारी मिलने के बाद यूपी पुलिस की एटीएस अपराधी को वापस लाने के लिए उज्जैन रवाना हुई।
कानपुर में नौ जुलाई को मुठभेड़ में मारा गया हिस्ट्रीशीटर
यूपी पुलिस का दावा है कि जब वह उज्जैन से विकास को लेकर वापस आ रही थी तो उसके काफिले में शामिल एक वाहन कानपुर में पलट गया। इस हादसे में वाहन में सवार पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस दौरान विकास ने मौके का फायदा उठाते हुए एक घायल पुलिसकर्मी से उसकी पिस्टल से छीन ली और वहां से फरार होने की कोशिश करने लगा। पुलिस का दावा है कि जब विकास को रोकने की कोशिश की गई तो वह पुलिसकर्मियों पर फायरिंग करने लगा। इस दौरान पुलिस ने आत्मरक्षा में गोलियां चलाईं जिसमें वह जख्मी हो गया। घायल अवस्था में उसे अस्पताल भेजा गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस के साथ मुठभेड़ में विकास के कई साथी भी मारे गए हैं।
कानपुर एनकाउंटर की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
यूपी पुलिस की इन मुठभेड़ों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इन याचिकाओं में विकास एवं उसके साथियों की एनकाउंटर की जांच कोर्ट की निगरानी में कराने की मांग की गई है। इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यूपी की व्यवस्था पर सवाल उठाए। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से जांच समिति में सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज एवं पूर्व डीजीपी को शामिल करने का निर्देश दिया है। यूपी सरकार ने कहा है कि वह अदालत के निर्देश के मुताबिक जांच समिति नए सिरे से गठित करेगी।
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