लखनऊ: शिया वक्फ बोर्ड के मुखिया वसीम रिजवी ने ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी पर तीखा हमला करते हुए उनकी तुलना आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के सरगना रहे अबु बकर-अल बगदादी से की है।
रिजवी ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ओवैसी द्वारा गिए गए भाषणों का जिक्र करते हुए कहा, 'आज के अबू बकर-अल बगदादी और असदुद्दीन ओवैसी के बीच कोई अंतर नहीं है। बगदादी के पास एक सेना, हथियार और गोला-बारूद था जिसके जरिए वह आतंक फैलाता था, ओवैसी अपनी जुबान (भाषणों) के माध्यम से आतंक फैलाने का काम करते हैं। वह इसके माध्यम मुसलमानों को आतंक और रक्तपात के कृत्यों की तरफ भड़का रहे हैं। यह सही समय है कि उन पर और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर प्रतिबंध लगना चाहिए।'
अयोध्या विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद असदउद्दीन ओवैसी के खिलाफ कथित रूप से उकसाने के आरोप में एक शिकायत दर्ज की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ओवैसी ने कहा था कि 'सुप्रीम कोर्ट वास्तव में सर्वोच्च है लेकिन अचूक नहीं है।' उन्होंने कहा, 'मैं फैसले से संतुष्ट नहीं हूं। हमें संविधान पर पूरा भरोसा है। हम अपने कानूनी अधिकारों के लिए लड़ रहे थे। हमें खैरात के रूप में पांच एकड़ जमीन की जरूरत नहीं है।'
शिया वक्फ बोर्ड प्रमुख ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के रूख को लेकर उसे भी फटकार लगाई। रिजवी ने कहा, 'यह सुप्रीम कोर्ट का एक बहुत बड़ा फैसला था। इतना बड़ा फैसला मैंने अपने जीवन में नहीं देखा। इसने सभी पक्षों को संतुष्ट किया लेकिन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और असदुद्दीन ओवैसी जैसे कुछ दल हैं जो रूढ़िवादी मानसिकता को हवा दे रहे हैं। उन पर भी प्रतिबंध लगना चाहिए।'
इससे पहले 15 नवंबर को, रिजवी ने अयोध्या में मंदिर के निर्माण के लिए श्री राम जन्मभूमि न्यास को 51,000 रुपये का दान दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को केंद्र सरकार को अयोध्या में विवादित स्थल को मंदिर निर्माण के लिए सौंपने का निर्देश दिया था और उसी के लिए एक ट्रस्ट स्थापित करने का आदेश दिया। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन का देने का निर्देश दिया था।
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