Yamuna Expressway: यमुना एक्सप्रेसवे पर 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कार दौड़ाकर रफ्तार का मजा लेना एक व्यवसायी को काफी महंगा पड़ा है। परिवहन विभाग ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए जहां कार मालिक को ओवर स्पीड का चालान काट कर घर भेजा है, वहीं अब व्यवसायी का ड्राइविंग लाइसेंस भी सस्पेंड किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार लाइसेंस को सस्पेंड करने की प्रकिया शुरू हो गई है। यह 45 दिन के अंदर पूरा हो जाएगा। अधिकारियों के अनुसार एक्सप्रेस वे इंटरसेप्टर की मदद से कार की गति को रिकॉर्ड किया गया।
बता दें कि, यमुना एक्सप्रेस-वे पर कार जैसे अन्य हल्के वाहनों की गति सीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है, वहीं भारी वाहनों की गति 80 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित है। एक्सप्रेसवे पर इससे तेज वाहन चलाने वालों का चालान काटा जाता है। हालांकि इसके बाद भी लोग इस एक्सप्रेसवे पर तेज वाहन चलाने से बाज नहीं आते हैं। उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया यहां पर करीब 1 साल बाद कोई कार इतनी तेज गति से दौड़ती इंटरसेप्ट हुई है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार कार का मालिक नोएडा का ही रहने वाला है। कार मालिक का ड्राइविंग लाइसेंस जल्द ही रद्द कर दिया जाएगा।
परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस एक्सप्रेसवे पर तेजी गति से भागते वाहनों पर लगाम लगाने के लिए हर माह 2 से 3 दिन के लिए इंटरसेप्टर लगाये जाते हैं। इन इंटरसेप्टर को हर बार बदली हुई जगह पर लगाया जाता है, जिसस वाहन चालक को पहले से ही इसका पता न लगा सकें। पिछले सप्ताह एक्सप्रेसवे पर 2 दिनों के लिए इंटरसेप्टर लगाया गया था। जिसकी अब जांच की गई तो उसमें 140 वाहन ओवरस्पीड में पाए गए। इनमें से ज्यादातर वाहनों की स्पीड 130 से 135 किलोमीटर प्रति घंटा थी। इन सभी का चालान कर वाहन चालक के घर भेज दिया गया। इंटरसेप्टर के फुटेज की जांच करते इस मर्सिडीज कार का भी पता चला। यह कार 150 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से नोएडा से आगरा की तरफ जा रही थी।