Noida Cyber News: साइबर सिटी नोएडा में ठगों ने लोगों को झांसे में लेकर ठगी का नया तरीका इजाद किया है। पहले की भांति सोशल मीडिया के जरिए दोस्ती में महंगे तोहफे भेजने के सिस्टम में चेंज कर अब इसे और भी हाइटेक बनाया गया है। ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले अब व्हट्सऐप पर बातचीत कर ठगी कर रहे हैं। इसके लिए आरबीआई लिखी ईमेल आइडी बना लोगों की जेब पर डाका डाल रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला नोएडा में एक कंपनी में एचआर प्रबंधक से ठगी का सामने आया है। इसे लेकर सेक्टर - 29 के रहने वाले ठगी के शिकार हुई एचआर प्रबंधक ने साइबर थाने में मामला दर्ज करवाया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। साइबर पुलिस के मुताबिक ठगी का शिकार हुई एचआर प्रबंधक युवती ने दर्ज मामले में लिखा है कि, उसकी किसी से सोशल मीडिया पर फ्रेंडशिप नहीं थी। एक दिन उसके व्हट्सएप पर किसी का मैसेज आया। मैसेज करने वाले अज्ञात ने खुद को बेल्जियम का हाई प्रोफेशनल कारोबारी बताया व इसके बाद चैटिंग शुरू कर दी।
पुलिस ने बताया कि पीड़िता से अज्ञात युवक ने व्हट्सएप चैटिंग के दौरान उसका एड्रेस व ईमेल आइडी पूछ ली। पीड़िता ने अपने एड्रेस सहित ईमेल की जानकारी उसे दे दी। अब यहीं से ठगी का खेल शुरू हुआ। कुछ दिनों के बाद एचआर मैनेजर के पास एक कॉल आई। कॉलर ने स्वयं को मुंबई कस्टम विभाग से होना बताया। कॉलर ने युवती को बताया कि उसके नाम बेल्जियम से किसी पीटर एंथेनी नाम के शख्स की ओर से एक पार्सल आया है। पार्सल को लेने की एवज में उसे 27 हजार 500 रुपए डिपोजिट करवाने होंगे। इसके बाद पीड़िता ने पीटर को व्हट्सएप पर कॉल की और पार्सल के बारे में बताया।
इसके बाद पीटर नाम के शख्स ने उसे पार्सल भेजने की कुरियर की एक फेक रिसीप्ट भेज दी। ये सब देखकर युवती को यकीन हो गया कि पार्सल उसी ने भेजा है। इसके बाद कस्टम अधिकारी की ओर से उसे बताए गए बैंक अकाउंट में उसने रूपए ट्रांस्फर कर दिए। युवती से ठगी का रचा खेल यहीं नहीं खत्म हुआ। इसके बाद उसे मेल भेजा गया, जिसमें आरबीआई लिखा था। जिसमें डिटेल दी गई कि पार्सल में 42 हजार यूरो हैं, जिनकी इंडियन करेंसी में कीमत 34 लाख 48 हजार के करीब है। इसके लिए करेंसी कनवर्जन शुल्क के तौर पर 2 लाख 57 हजार रूपए जमा करवाने होंगे।
साइबर पुलिस के मुताबिक पीड़िता ने मेल आरबीआई से समझ कर यकीन कर लिया व 2 लाख 57 हजार का अमाउंट एक बार फिर से ट्रांस्फर कर दिया। अब ठगों ने आरबीआई नाम का यूज कर बनाई गई कथित फेक मेल आईडी से मेल और रूपए रिर्टन करने का खेल जारी रखा। वापसी के कथित अनुबंध भेजकर कई बार अमाउंट डलवाई गई। इस बीच पीड़िता ने ठगों के बैंक अकाउंट में 8 लाख 39 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। इस दौरान ठग पीटर वॉट्सऐप पर पीड़िता से लगातार ठगी करता रहा और रकम जल्द भेजने का दिलासा देता रहा। इसके बाद युवती को सारा खेल फर्जी लगा तो खुद के साथ धोखाधड़ी होना समझ में आया। परंतु तब तक बहुत देर हो चुकी थी। वहीं पीटर ने भी युवती को अपने व्हट्सएप नंबर पर ब्लॉक कर दिया। नोएडा की साइबर पुलिस अब मामले की जांच कर रही है।