Twin Towers demolition Video: नोएडा के सेक्टर-93 स्थित सुपरटेक (Supertech) की बहुमंजिला इमारत ट्विन टॉवर (Twin Tower demolition) अब इतिहास हो गई है। रविवार को दोपहर ढाई बजे के करीब इसे इंप्लोजन तकनीक के जरिए इसे गिरा दिया गया। ट्विन टावर के धाराशायी होने का वीडियो (Twin Tower demolition Video)सामने आया है। ट्विन टावर की दोनों इमारतों को गिराने के लिए 3700 किलोग्राम बारूद का विस्फोट हुआ। धवस्तीकरण की इस कार्रवाई में किसी तरह की सुरक्षा चूक न हो, प्रशासन की तरफ से इसकी पुख्ता तैयारी की गई। विस्फोट के बाद किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने व्यापक इंतेजाम किए। मौके पर करीब 650 पुलिसकर्मी, रिजर्व फोर्स के 100 जवान, एनडीआरएफ की टीमें को लगाया गया। एंबुलेंस, दमकल की गाड़ियां और पानी के टैंकर को भी एहतियातन वहां बुलाया गया।
अलर्ट पर रहे पुलिस, फायर ब्रिगेड, NDRF
ट्विन टावर के गिराए जाने से पहले नोएडा प्रशासन के अधिकारियों इस बारे में बात की। नोएडा के सीपी आलोक कुमार ने कहा कि अभी तक सारी स्थिति सामान्य है। हम पूरी तरह से तैयार हैं और काउंटडाउन की तरफ बढ़ रहे हैं। नोएडा यातायात विभाग के डीसीपी ने कहा कि ब्लास्ट के लिए इमरजेंसी रूट बनाया है ताकि इमरजेंसी होने पर ग्रीन कॉरिडोर से ले जाया जा सके, सुरक्षा की पूरी व्यवस्था है। दिल्ली फायर सर्विस के डायरेक्टर अतुल गर्ग ने कहा कि 'तैयारियां काफी अच्छी है। आग लगने के चांस काफी कम हैं। डस्ट पॉल्यूशन काफी ज्यादा होगा। तो वहीं आपदा प्रबंधन की विशेषज्ञ अंजलि क्वात्रा ने हा कि 'वहां पर आग लगने का खतरा है.. ब्लास्ट अगर कामयाब नहीं हुआ तो उसके (टावर) अंदर बारूद मौजूद रहेंगे'।
हम सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का सम्मान करते हैं- सुपरटेक
ट्विन टावर्स को गिराने पर सुपरटेक कंपनी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तकनीकी आधार पर निर्माण को संतोषजनक नहीं पाया और तदनुसार दोनों टावर को ध्वस्त करने के आदेश जारी किए हैं। हम सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का सम्मान करते हैं, इसे लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ट्विन टावर के मलबे की कीमत लगभग 13 करोड़ रुपए होगी। धमाके के बाद धूल और धुआं 900 मीटर की ऊंचाई तक जा सकते हैं। ब्लास्ट के बाद धूल 3 किलोमीटर के दायरे में फैल सकती है। ट्विन टावर को गिराने में लगभग 18 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। टावरों को गिराने का खर्च सुपरटेक कंपनी को ही उठाना है, जिसने ये अवैध टावर बनाए थे